होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): पटाखों के बिना दिवाली मनाने के लिए जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से सिविल सर्जन होशियारपुर डाॅ बलविंदर कुमार डमाणा के निर्देशानुसार सिविल अस्पताल इंचार्ज सीनियर मैडिकल अफसर डाॅ. स्वाति शिमर के नेतृत्व में अस्पताल ओपीडी परिसर में लोगों को प्रेरित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मनमोहन सिंह, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मीन सिद्धु, मेडिकल विशेषज्ञ डाॅ. अमनदीप, एएचए डॉ. शिप्रा, डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर रमनदीप कौर, जिला बीसीसी कोऑर्डिनेटर अमनदीप सिंह और लायन विजय अरोड़ा भी मौजूद थे। इस अवसर पर मास मीडिया विंग की ओर से जागरूकता लिटरेचर भी बांटा गया।
डॉ. स्वाति ने लोगों को दिवाली की बधाई देते हुए और जागरूक करते हुए बिना प्रदूषण और पटाखों के ग्रीन दिवाली मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पटाखों से निकलने वाले धुएं से सांस, अस्थमा और त्वचा रोग जैसी कई बीमारियां होती हैं। इसलिए सांस की समस्या वाले मरीजों को दिवाली पर घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। पटाखों से निकलने वाले धुएं और कचरे से भी पर्यावरण प्रदूषित होता है।डॉ. मनमोहन सिंह ने लोगों को त्योहार के दौरान शुद्ध घर का खाना, घर में बनी मिठाइयाँ और फल खाने और बाजार के भोजन, शराब और अन्य नशीले पदार्थों से बचने की सलाह दी।
डॉ. मीन सिद्धु ने कहा कि पटाखों के कारण आंखों में चोट लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, इसलिए पटाखों से बचाव बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा है कि अगर पटाखों से आंख में चोट लग जाए तो उसे रगड़ना या मलना नहीं चाहिए और तुरंत किसी नेत्र विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार पटाखे चलाने के दौरान लोग घायल हो जाते हैं और लोग घर का काम करने लगते हैं, जो गलत है। आंखें नियामत हैं , जरा सी लापरवाही से क्यों रोशनी खोएं। डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर ने कहा कि अगर बच्चे पटाखे चलाते हैं तो उन्हें बड़ों की देखरेख में ऐसा करना चाहिए और पटाखे हाथ में पकड़कर नहीं चलाने चाहिए ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। उन्होंने कहा कि दिवाली के मौके पर सिल्क और ढीले कपड़े न पहनें। बच्चे अनचले पटाखों को फिर से चलाने की कोशिश करते हैं, जो कभी भी फट सकते हैं। इसलिए अनचले पटाखे को दोबारा चलाने से बचना चाहिए।