होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल अज्जोवाल में प्रिंसिपल वैशाली चड्ढा के मार्गदर्शन में भारतीय भाषा उत्सव पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। महान तमिल कवि सुब्रह्मण्य भारती की जयंती को समर्पित इस संगोष्ठी में एक्टिविटी इंचार्ज सुकृति कश्यप,रणजीत कौर, अर्चना,कुलविंदर कौर, शांति देवी तथा किशोर लाल ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सुब्रह्मण्य भारती कि देश प्रेम की कविताएं इतनी उत्कृष्ट थी कि उनका उपनाम भारती पड़ गया। सुब्रह्मण्य भारती जब 5 वर्ष के थे तो उनकी माता का निधन हो गया और जल्द ही उनके पिता भी इस संसार को छोड़कर चले गए।
11 वर्ष की आयु में उन्हें कवि सम्मेलन में उनकी प्रतिभा को देखते हुए सम्मानित किया गया। वाराणसी में उनका परिचय अध्यात्म और राष्ट्रवाद से हुआ। स्वतंत्रता आंदोलन में वह सक्रिय तौर पर शामिल हुए।यह उन की रचनाओं का ही प्रभाव था कि दक्षिण भारत में जनसाधारण स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित हुआ। हिंदी के साथ-साथ संस्कृत, बंगाली और अंग्रेजी पर भी उनकी मजबूत पकड़ थी।पत्रकारिता के क्षेत्र में भी उन्होंने बहुत नाम कमाया और कई रचनाएं लिखी।
स्वामी विवेकानंद का उनके जीवन पर बहुत प्रभाव था। वंदे मातरम उनका प्रिय गान था। भारती ने जब इस का तमिल अनुवाद किया तो यह घर-घर में गूंज उठा। 40 वर्ष की उम्र में ही वह हम सब से अलविदा कह गए। उन्होंने कहा कि हम सबको उनकी रचनाओं से प्रेरणा लेकर देश की तरक्की के लिए मिलजुलकर काम करना चाहिए |