गतका प्रदर्शन कार्यक्रम से संजीव तलवाड़ ने फिर दिखाई सामाजिक ताकत, अकाली नेताओं की शमूलियत से चर्चाएं गर्म

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), एसएस डोगरा। यूथ डेवेल्पमैंट बोर्ड पंजाब के चेयरमैन रह चुके संजीव तलवाड़ ने साहिबजादों की शहादत को समर्पिर गतका प्रदर्शन का आयोजन करके एक बार फिर से सामाजित ताकत दिखा कर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। क्योंकि, इस कार्यक्रम में कुछेक भाजपा नेताओं के अलावा अकाली दल के नेताओं की शमूलियत एवं उनकी सक्रिय भूमिका से तलवाड़ के अकाली दल की तरफ झुकाव की तरफ इशारा कर दिया है। हाल ही में भाजपा को अलविदा कर चुके तलवाड़ दंपत्ति के अकाली दल में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं तथा इस कार्यक्रम में अकाली दल के नेताओं की आमद ने काफी हद तक इन कयासों पर मोहर लगाने का काम किया है।

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आपको बता दें कि साहिबजादों की शहादत को समर्पित तलवाड़ दंपत्ति द्वारा हर साल गतके का प्रदर्शन कार्यक्रम करवाया जाता है, जिसमें गतका विशेषज्ञों की देखरेख में गतका पार्टी गतके का प्रदर्शन करती है। पिछले जितने भी कार्यक्रम हुए उनमें भाजपा नेताओं व तलवाड़ के समर्थकों के अलावा अन्य पार्टियों से संबंधित नेताओं की शमूलियत न के बराबद होती थी। लेकिन इस बार के समीकरण कुछ और ही बयान कर रहे हैं।

अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में अकाली-भाजपा गठबंधन न हुआ तो दोनों पार्टियां अलग-अलग उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारकर चुनाव लड़ेंगी तथा ऐसे में अगर होशियारपुर लोकसभा सीट से नीति तलवाड़ को चुनाव मैदान में उतारा जाता है तो उसका सबसे अधिक नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है तथा फिलहाल भाजपा की तरफ से चुनाव की तैयारी कर रहे पूर्व सांसद विजय सांपला को इसका सबसे बड़ा नुकसान होगा। हालांकि विजय सांपला को तलवाड़ अपना बड़ा भाई मानते हैं और पिछले चुनाव में तलवाड़ ने विजय सांपला की जीत के लिए काफी कार्य किया था। लेकिन अगर वह खुद चुनाव मैदान में उतरते हैं तो वह अपनी जीत के लिए अब तक तैयार किए गए अपने राजनीतिक मैदान को खुद के लिए प्रयोग करेंगे तो ऐसे में नुकसान भाजपा का ही होगा और अकाली दल को अपना उम्मीदवार मिलने से वह अपनी पार्टी की जीत के लिए ही कार्य करेगा।

आज के कार्यक्रम में भाजपा छोड़ अकाली दल में गए पूर्व मंत्री अनिल जोशी, अकाली दल के जिला इंचार्ज जतिंदर सिंह लाली बाजवा व जत्थेदार आदि सहित अन्य नेताओं का पहुंचना तलवाड़ के बढ़ते राजनीतिक कद एवं अकाली दल में जाने की बात को स्पष्ट करने के लिए काफी है। हालांकि अभी तक तलवाड़ ने इस बारे में खुलकर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है। पर आज के कार्यक्रम में अकाली नेताओं की उपस्थिति कई संदेश दे गई।

गौरतलब है कि संजीव तलवाड़ लंबे समय से भाजपा एवं संघ व संगठन के कार्य कर रहे हैं तथा कई बैठकें एवं कार्यक्रमों में संजीव तलवाड़ की अहम भूमिका रही है। लेकिन इसके बावजूद भी वह खुद को पार्टी में रीकोगनाइज़ किए जाने की मांग करते रहे हैं तथा कोई जिम्मेदारी दिए जाने की आस में पार्टी की मजबूती एवं संगठन द्वारा सौंपे गए कार्य को करते रहे हैं। हालांकि भाजपा ने उनकी पत्नी नीति तलवाड़ को टिकट देकर पार्षद चुनाव भी लड़वाया था व प्रदेश स्तर पर जिम्मेदारी भी दी थी। परन्तु संजीव तलवाड़ को पार्टी की जिला एवं प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान न दिए जाने के रोष स्वरुप तलवाड़ काफी समय से पार्टी से बेमुख ही चल रहे थे।

अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि तलवाड़ दंपत्ति अकाली दल में जाता है या फिर संघ या संगठन का कोई नेता उन्हें घर वापसी करने के लिए मना लेता है। अगर ऐसा नहीं होता तो क्या उनके अकाली दल में जाने पर पार्टी नीति तलवाड़ को टिकट देता है, अगर टिकट देता है तो फिर चुनाव मुकाबला और भी रोचक होने वाला है, क्योंकि तलवाड़ ने विधानसभा एवं लोकसभा के कई चुनावों में गांव, कस्बा एवं शहरी क्षेत्रों में भाजपा की मजबूती के लिए कार्य करते हुए अपना भी आधार मजबूत किया है तथा ऐसे में इसका लाभ अपने हक में करने में तलवाड़ कितने कामयाब रहते हैं, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन आज के कार्यक्रम के माध्यम से तलवाड़ कई संदेश देने में कामयाब माने जा रहे हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।

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