जम्मू के पुंछ में सेना की गाड़ी पर फिर हुआ आतंकी हमला, फायरिंग कर भागे आतंकी

जम्मू/पुंछ (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट-अनिल भारद्वाज। आतंक ग्रस्त जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के काफिले पर फिर से आतंकी हमला हुआ है। कृष्णा घाटी के लोरन घाटी सड़क पर घात लगाए बैठे आतंकियों ने सेना के वाहन पर अचानक फायरिंग कर दी। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया। आतंकी घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ है। भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई को देख आतंकी घटना स्थल से भाग निकले की सूचना मिली है। सेना , पुलिस, बीएसएफ ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। फिलहाल इस घटना में नुकसान नहीं पहुंचा है। पुंछ-राजौरी दोनों सीमावर्ती जिलों में दहशत का माहौल है। बीते वीरवार को मंजाकोट से सीआरपीएफ को चार टिफिन आईईडी सहित अन्य गोला-बारूद तलाशी के दौरान मिला। तो वहीं बता दें कि बीते दिसंबर में जिला पुंछ के अंतर्गत सड़क पर आकर बफलियाज-थन्नामंडी राजौरी रोड पर आतंकीयों ने हमला कर भारतीय सेना के 4 जवान शहीद और तीन 3 घायल कर दिए थे इस घटना में दो सैन्य वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए थे।

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सीमावर्ती क्षेत्र में पहले भी पाक गोलियों और तेजदार हथियारो से भारतीय जवानों पर आतंकीयों द्वारा शहीद किया जा चुका है। सीमावर्ती क्षेत्रों में छिपे आतंकियों के होंसले इतने बुलंद हैं कि वे अब सड़कों पर घात लगाकर सुरक्षाबलों पर जानलेवा हमले कर रहे हैं वह फिर से किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। जम्मू संभाग के अंतर्गत इन दोनों जिला में आतंकियों व इनके मददगारो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। बता दें कि बीते दिन वीरवार को सेना के आर-आर अधिकारी ने मेंढर कस्बा में स्थानीय लोगों के साथ आपसी तालमेल को लेकर बैठक की थी। लेकिन अगले ही रोज शुक्रवार शाम को आतंकियों ने सैन्य वाहन पर फिर से हमला बोल फायरिंग कर दी। सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षाबलों और एजेंसी को ताकत झोंकने की जरूरत है। नर्म कार्रवाई के चलते आतंकियों के होंसले बुलंद दिख रहे हैं। बीते एक माह से हमारे पत्रकार अति आतंक ग्रस्त सीमावर्ती क्षेत्र जिला पुंछ के अंतर्गत बफलियाज, सुरनकोट, भींबर गली (बीजी) एरिया, गुरसाई , शाहसितार टाप, बांडी चेचियां, मंडी, सब्जियां टाप, उरीपूरा डोक, शाहपुर डोडा टाप गली, कृष्णा घाटी का दौरा किया है।

इन दुर्गम क्षेत्रों में तैनात जवानों की दिल्ली से उच्च अधिकारियों द्वारा पीठ थपथपाने और पावर देने की जरूरत है। आतंक ग्रस्त इन सड़क मार्ग व जंगल, डोक एरिया में खास चेकिंग पुछताश की जरूरत है, साथ ही अतिरिक्त सेना, कमांडो (सुरक्षाबल) जवानों की जरूरत है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जम्मू कश्मीर में 250 से अधिक जिंदा आतंकी जंगलों व मददगारो की आड़ में छिपे हुए हैं। आतंकी मददगार का आंकड़ा कईं गुना ज्यादा हो सकता है। जो नापाक हरकत करने वालों का लालन पालन कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में छिपे आतंकीयों का आंकड़ा एक पहाड़ी बारात से अधिक का है और इनकी मेहमानवाजी करने व रास्ता दिखाने वाले अंडर ग्राउंड वर्करों का आंकड़ा इससे भी ज्यादा। तभी तो आतंकी सड़क पर पहुंच जवानों को निशाना बना रहे हैं जो चिंता का विषय है। कार्रवाई की सख्त जरूरत है।

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