‘हॉग डियर’ को कथलौर-कौशल्या वन्यजीव अभयारण्य की प्रतीक चिन्ह प्रजाति घोषित किया जाएगा: कटारूचक्क  

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य भर में जंगली जीवों की देखभाल के लिए किए जा रहे प्रयासों को मुख्य रखते हुए पंजाब राज्य वन्यजीव बोर्ड ने आज हॉग डियर (एक्सिस पोर्सिनस) को कथलौर-कौशल्या वन्यजीव अभयारण्य की मासकौट स्पीशीज़ (प्रतीक चिन्ह प्रजाति) ऐलान करने की मंजूरी दे दी है।  

Advertisements

उपरोक्त फ़ैसला वन एवं वन्यजीव सुरक्षा मंत्री लाल चंद कटारूचक्क की अध्यक्षता अधीन सैक्टर-68 स्थित फोरैस्ट कॉम्पलैक्स में हुई बोर्ड की स्थायी समिति की बैठक के दौरान लिया गया, क्योंकि हॉग डियर वास्तव में कथलौर-कौशल्या वन्यजीव अभयारण्य के प्राकृतिक निवास स्थानों का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि यह जीव यहाँ बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।  इस सम्बन्धी अधिक जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि हॉग डियर को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (आई.यू.सी.एन.) द्वारा लुप्त हो रही प्रजाति की श्रेणी में दर्ज किया गया है और इसको वन्यजीव (सुरक्षा) संशोधन एक्ट, 2022 के शड्यूल-1 में दिखाया गया है।  

अन्य मुद्दों के साथ-साथ समिति द्वारा अर्नौली डिस्ट्रीब्यूट्री के आर.डी. 71000 पर एक्वा डक्ट बनाने का प्रस्ताव नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाईफ़ की स्थायी समिति को भेजने की भी मंजूरी दी गई है। यह प्रोजैक्ट पटियाला के बीड़ भुनरहेड़ी वन्यजीव अभयारण्य और इसके साथ लगती इकौ-सैंस्टिव ज़ोन में लागू किया जाएगा। यह मानसून के दौरान अभयारण्य के साथ लगते गाँवों को बाढ़ों से बचाने के लिए सहायक होगा।  इसके अलावा समिति ने जंगली सूअरों और नीलगाय के सीमित शिकार के लिए नीति को सरल बनाने के लिए भी मंजूरी दे दी है, जिससे इन सूअरों के कारण फसलों को तबाह होने से बचाया जा सके। इस मौके पर अन्यों के अलावा वित्त कमिश्नर (वन) विकास गर्ग, पी.सी.सी.एफ. आर.के. मिश्रा और मुख्य वन्यजीव वार्डन धरमिंदर शर्मा शामिल थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here