हिमाचल की वादियों में गूंजा जय श्री राम

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा एक शाम प्रभु राम के नाम भजन संध्या का आयोजन कपिला फार्म, ऊना हिमाचल प्रदेश में किया गया। इसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री रूपेश्वरी भारती जी ने बताया कि भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ भगवान श्री राम का जीवन चरित्र समस्त मानव जाति के लिए प्रेरणा का स्रोत है। सदा उचित कृत्यों को करने वाले व्यक्तित्व के धनी श्री राम का अनुसरण करके ही मानवता श्रेष्ठता को छू सकती है। श्री राम के चरित्र को धारण कर हर क्षेत्र में सफलता के गगनचुंबी लक्ष्य पाए जा सकते हैं। श्री राम के जीवन चरित्र के मुख्य अंग उनके सद्गुण शौर्य, धैर्य, सत्य, शील, दृढ़ता, बल, विवेक, परोपकार, समता, कृपा और क्षमता आदि हैं। इन्हीं सद्गुणों के आधार पर विकारों रूपी रावण का वध करके ही राम राज्य की स्थापना की जा सकती है। ऐसा अलौकिक राज्य जहां हर कोई दैहिक, दैविक एवं भौतिक ताप से मुक्त हो। सभी मनुष्य परस्पर प्रेम करें और सभी नीति युक्त धर्म का पालन करते हुए आगे बढ़े। समाज में राम राज्य तब तक पूरी तरह स्थापित नहीं हो सकता, जब तक इसमें रहने वाले मानव हृदय में राम राज्य स्थापित न हो जाए। आंतरिक रामराज्य ही मानव का आधार है। यह मानव देह के आठ चक्रों व नवद्वारों से परिपूर्ण अयोध्या नगरी है। इस आंतरिक अयोध्या में अखंड राम राज्य को स्थापित करने के लिए दो चरणों से गुजरना पड़ता है। पहला भीतरी अयोध्या में व्याप्त दुष्प्रवृत्तियों रूपी असुरों का हनन। दूसरा राम का आंतरिक सत्ता पर राज्याभिषेक।

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उसके लिए पूर्ण सतगुरु से ब्रह्म ज्ञान प्राप्त कर ईश्वर का साक्षात्कार करना अति आवश्यक है। भीतर श्री राम रूपी सूर्य के उदित होने के बाद ही हमारी आंतरिक हृदय नगरी असुर विहीन हो पाती है। ऐसे शांत मनोराज्य में ही श्री राम सत्तारूढ़ होते हैं अर्थात एक विकार रहित हृदय में ही राम का शासन स्थापित हो पाता है। ऐसा सुव्यवस्थित शासन जिसमें राम के प्रकाश से जागृत हुई आत्मा जीव को प्रत्येक कार्य में सकारात्मक दिशा प्रदान करती है। जिनके भीतर ऐसे आंतरिक रामराज्य की स्थापना हो जाती है, वही फिर  बाह्य समाज में भी राम राज्य की स्थापना हेतु एक इकाई का काम कर सकते हैं। यही इकाइयां संगठित होकर संपूर्ण विश्व को राम राज्य में परिवर्तित कर सकने में सक्षम हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन की प्रक्रिया के साथ हुआ।

स्वामी सज्जनानंद, मुकेश अग्निहोत्री (उप मुख्य मंत्री) हिमाचल प्रदेश, राजेंद्र वशिष्ट, मोनिका वशिष्ट, हरि ओम गुप्ता, राजीव भनोट, विपिन कपिला, बाबा राणा, गौरी शंकर, डा.हेमराज, सुरिंदर ठाकुर, डा.कृष्ण पाल शर्मा, बलविंदर गोल्डी, डा.सुभाष शर्मा, रणजीत राणा, नवीन धीमान( पूर्व विधायक), डा.प्रवीन भारद्वाज,विवेक,शिव हाकम, मेहताव ठाकुर, रितेश गोयल, प्रवेश शर्मा, दिनेश गुप्ता, एडवोकेट वरिंदर मनकोटिया, विनोद आनंद अशोक ठाकुर, विनोद बिट्टू, ओंकार नाथ, सुमन ठाकुर, शकुंतला कंवर, एकता शर्मा, रजनी मनकोटिया, ममता भनोट, मीनाक्षी राणा, अजय ठाकुर, एडवोकेट मंगल सिंह राणा, विनोद मनकोटिया, पवन ठाकुर, दिनेश गुप्ता, प्रिंस राजपूत, परवेश शर्मा, शिव हाकम, कमल चौधरी, यादविंदर ने दीप प्रज्वलित की। तीन लोक और चारों धाम बोल रहें हैं जय श्री राम, राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी, धन्य भाग हमारे हैं सिया राम पधारे हैं आदि भजनों पर प्रभु भक्त खूब झूमें।

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