होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। अधिकतर प्राईवेट अस्पतालों की मनमर्जी का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की पूर्ति न किए जाने के चलते लोगों को प्राइवेट अस्पतालों का रुख करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिसके चलते लोगों की समस्याएं और बढ़ रही हैं। जबकि दूसरी तरफ सरकार प्राइवेट अस्पतालों की मनमर्जी रोकने की बजाए जनता को गुमराह करके समय निकालने में लगी हुई है।
यह बात सैनी जागृति मंच पंजाब के प्रधान कुलवंत सिंह ने एक प्राइवेट अस्पताल द्वारा मनमर्जी करके उन्हें परेशान किए जाने के रोष स्वरुप कही। उन्होंने बताया कि 2 मार्च को उन्होंने प्राइवेट अस्पताल में जाकर पर्ची कटवाई तो काऊंटर पर बैठी महिला कर्मचारी ने कहा कि आपनी बारी का इंतजार करो जोकि 2 बजे आएगी। जिस पर उन्होंने शाम का समय मांगा, जिस पर महिला कर्मी ने उन्हें शाम करीब 4 बजे आने के लिए बोला। जिस पर कुलवंत सिंह वहां पर समय से पहले पहुंच गए, लेकिन डेढ घंटा बैठने पर भी उनको नहीं बुलाया गया। जिस पर उन्होंने उस महिला कर्मचारी से बात की। जिसने डाक्टर के पास भेज दिया। 8 दिन की दवाई के बाद आज फिर वह सुबह 8 बजे उन्होंने पर्ची कटवाई तथा समय पूछा तो उन्हें कहा गया कि आप 11 बजे आ जाएं और वह 10.30 बजे अस्पताल आकर बैठ गए और उन्होंने कुछ नहीं बताया कि बारी कब आएगी। जब 11.15 बजे उन्होंने सवाल किया कि इतना समय बीत जाने के बावजूद उन्हें डाक्टर साहिब ने क्यों नहीं बुलाया तो उन्होंने जबाव दिया कि 10 मरीजों की जो लाइन बनी हुई है उसके पीछे लग जाएं तो कुलवंत सिंह सैनी ने कहा कि इसमें तो शाम का समय हो जाएगा।
इस पर कर्मी ने कहा कि यहां पर ऐसा ही चलता है। कुलवंत सैनी ने कहा कि उक्त डाक्टर को पहले कोई नहीं पूछता नहीं था और अब उनमें डाक्टरी का घमंड आ गया है। उन्होंने अपनी पार्ची वापिस मांगी तो महिला कर्मचारी ने बिना किसी देरी के पर्ची और पैसे उन्हें वापिस कर दिए तथा यह भी नहीं कहा कि डाक्टर साहिब आप को चैक कर लेंगे, आप बैठ जाएं। इसके बाद कुलवंत सिंह जालंधऱ रोड पर डाक्टर गोजरा के पास गए तथा उन्होंने जाते ही उन्हें बुला लिया। श्री सैनी ने बताया कि डाक्टरी सलाह फीस जो उक्त डाक्टर 200 रुपए चार्ज करता है वहीं डा. गोजरा 150 रुपये चार्ज किए और जो दवाई उक्त डाक्टर ने 600 रुपये की लिखी थी वहीं डाक्टर गोजरा ने मात्र 15 रुपये की लिखी। कुलवंत सिंह सैनी ने सरकार से अपील की कि ऐसे डाक्टरों पर शिकंजा कसे ताकि वह अपनी मनमर्जी की फीस और दवाई न लिख सकें। आम जनता से अपील है कि वह भी लकीर के फकीर न बनें तथा इतना समय बर्बाद करने की जरुरत नहीं। शहर में बहुत से और डाक्टर हैं, जो एसे डाक्टरों से बेहतर हैं।