अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। भाजपा की विरष्ठ नेत्री एवं पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नई शराब नीति तय करने के बाद यह घोषणा की है कि इस वर्ष जितनी आमदनी शराब से होगी उससे पहले कभी नहीं हुई। यह भी बड़ी शान से कहा है कि नई आबकारी नीति से 622 करोड़ की आमदनी बढ़ेगी। पहली सरकारें 6200 करोड़ से ज्यादा नहीं कमा सकीं। उनकी सरकार दस हजार करोड़ कमाएगी। सरकार चाहे इससे खुशी मनाए और दस हजार करोड़ गिनने की तैयारी करे, पर सच तो यह है कि सरकार ने शराब पीने वाले और शराबियों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। बहुुत अच्छा होता पंजाब कैबिनेट में यह घोषणा की जाती कि जितने लोग शराब पी रहे हैं उससे ज्यादा लोग नई नीति में शराब पिएंगे और सरकारी खजाना भरेंगे। सरकार को यह जान लेना चाहिए कि केवल सड़क सुरक्षा बल बनाकर और गाड़ियां देकर सड़कों पर तैनात कर देने से सड़क दुर्घटनाएं नहीं रुकने वाली।
जब शराब पीकर ज्यादा लोग गाड़ियां चलाएंगे, सड़क दुर्घटनाएं करेंगे, झगड़े करेंगे, आपस में लड़ेंगे और लोगों के घर भी उजड़ेंगे तब सरकार क्या यह कहेगी कि उनकी शराब नीति के कारण ही यह सब हो रहा है? आशा तो यह रखी जा रही थी कि जिस रंगला पंजाब की बात मुख्यमंत्री और उनके चेले ज्यादा जोर से कर रहे हैं वह पंजाब को नशा मुक्त भी बनाएंगे। सरकारें याद रखें कि दूसरे नशे करके कुछ लोग खुद तो मर जाते हैं पर किसी की हत्या या दुर्घटना नहीं करते। शराब का नशा भी उतना ही बुरा है जितने दूसरे नशे हैं। सरकार जरा यह आंकड़े इकट्ठे कर ले कि शराब ने कितने परिवार उजाड़े हैं, कितने लोगों को कैंसर हुआ है, लिवर खराब हुए हैं और अन्य कई प्रकार की बीमारियां शराब के कारण हुई हैं। पंजाब पर तरस करो। शराब का चलन कम करो। कमाई करने के कोई ऐसे साधन अपनाओ जिससे शराब जैसा नशा घर घर तक न पहुंचे। पंजाब शराब मुक्त, अपराध मुक्त हो और परिवार सही से बसे रहें।