दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। चुनाव आयोग ने 7 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया है। इनमें उत्तर प्रदेश के गृह सचिव संजय प्रसाद, झारखंड के गृह सचिव अरवा राजकमल, गुजरात के गृह सचिव पंकज जोशीबिहार के गृह विभाग के मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ और बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार के नाम सामने आए है। इनके अलावा आयोग ने मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के प्रशासनिक विभाग के सचिव, बृहन्मुंबई नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव से नाराजगी व्यक्त करते हुए बीएमसी और अतिरिक्त/उपायुक्तों को आज शाम 6 बजे तक रिपोर्ट सौंपने और अधिकारियों का स्थानांतरण करने का निर्देश दिए गए हैं। राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के बीच हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
आयोग ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े उन अधिकारियों का तबादला करें, जिन्होंने तीन साल पूरा कर लिया है या अपने गृह जिलों में तैनात हैं। महाराष्ट्र ने कुछ नगर निगम आयुक्तों, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों के संबंध में निर्देशों का पालन नहीं किया था। पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार को हटा दिया गया है। इससे पहले भी राज्य में 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने डीजीपी को हटा दिया था। 3 फरवरी 2019 को जब सीबीआई की एक टीम घोटाले के सिलसिले में कुमार से पूछताछ करने उनके घर गई तो उसे रोक दिया गया और मुख्यमंत्री बनर्जी ने केंद्र सरकार पर विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए हड़ताल का आह्वान किया। कुमार उस समय कोलकाता के पुलिस कमिश्नर थे। कोर्ट के आदेश के बाद सारदा मामले की जांच के सिलसिले में मेघालय के शिलांग में सीबीआई ने उनसे पूछताछ की थी। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने डीजीपी को हटाए जाने को गलत बताया है।