होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), एसएस डोगरा। पंजाब में भाजपा एवं अकाली दल गठबंधन सिरे न चढ़ने के उपरांत दोनों पार्टियां अलग-अलग लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतर चुका हैं तथा भाजपा द्वारा कई सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं। परन्तु सभी की निगाहें होशियारपुर लोकसभा सीट पर टिकी हुई हैं। क्योंकि, इस सीट पर दो-दो मंत्रियों के अलावा कोई रिटायर्ड अधिकारी तो कोई नए चेहरे की चर्चाओं के चलते हर कोई अपनी-अपनी टिकट फाइनल होने के दावे करते नहीं थक रहा। 2014 में इस सीट से विजय सांपला ने जीत हासिल की थी और इसके बाद 2019 में सोम प्रकाश ने इस सीट से जीत हासिल की। दोनों को पार्टी द्वारा राज्य मंत्री का दर्जा देकर लोकसभा हलके के लोगों का मान बढ़ाया गया, लेकिन दोनों की कार्यगुजारी को लेकर हलके के लोग ज्यादा खुश नहीं दिख रहे। लेकिन इस बार भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी लहर के चलते इस बार भी भाजपा को संभावित जीत मिल सकती है। इसलिए विजय सांपला और सोम प्रकाश द्वारा टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है। यहां तक कि सोम प्रकाश की तो यह भी कोशिश है कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं भी देगी तो वह इस सीट से अपनी पत्नी अनीता सोम प्रकाश के लिए टिकट लेकर ही दिल्ली से लौटेंगे। इतना ही नहीं दोनों नेता अपनी-अपनी झोली में टिकट होने की बात कहते भी नहीं थक रहे।
लेकिन ये राजनीति है भाई राजनीति, इसमें टिकट की घोषणा होने के बाद भी कईयों की टिकटें कटती देखी गई हैं और इस बार तो हालात वैसे भी टिकट के दावेदारों के अनुकूल नहीं दिख रहे, जिसके चलते टिकट को लेकर डर सबके मन में है।
राजनीतिक माहिरों की मानें तो इस सीट के लिए जहां एक पूर्व अधिकारी के नाम की चर्चा थी वहीं अब हाल ही में पार्टी को अलविदा कहकर आप में गए तथा अब घर वापसी करने वाले जालंधर के एक नेता का नाम भी होशियारपुर सीट के लिए चर्चाओं में है। यह कितना सच है यह तो पार्टी नेता ही जानें, लेकिन चर्चा है कि अगर नया चेहरा आता है तो इस स्थिति में उक्त नेताओं की क्या स्थिति रहेगा तथा क्या ये पार्टी के हक में चलेंगे या फिर कोई और विकल्प तलाशेंगे। अगर नए चेहरे को लाया जाता है तो फिर से वही वात इस पर चरितार्थ होगी कि दलबदलुं की पौं बारहां या पैराशूट को सलाम।व असमंजस में कार्यकर्ता।
चर्चा है कि प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा अधिक से अधिक सीटें जीत कर पार्टी की झोली में डालने की कोशिशों के तहत जी जान से जोड़ तोड़ की प्रक्रिया जारी है, जिसके चलते कई सीटों पर नए चेहरों के कयास लगाए जा रहे हैं। अगर होशियारपुर में नया चेहरा आता है तो यहां के हालात और परिणाम कैसे होंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल सभी की निगाहें इस सीट पर उम्मीदवार के नाम की घोषणा पर टिकी हुई हैं।