किसका चमकेगा भाग्यः राजकुमार चक्क साधु, चिंटू हंस, सुरिंदर भट्टी और डा. दिलबाग राय के नाम की चर्चा जोरों पर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। लोकसभा चुनावों को बिगुल बज चुका है और लगभग तमाम राजनीतिक दलों द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा लगभग की जा चुकी है तथा मुख्य रुप से कांग्रेस एवं भाजपा द्वारा अभी घोषणा जारी है। पंजाब की बात करें तो सभी की निगाहें होशियारपुर सीट पर टिकी हुई हैं कि यहां से पार्टी द्वारा किसे प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा जाता है। एक तरफ जहां विजय सांपला और सोम प्रकाश द्वारा टिकट के लिए जोर आजमाइश जारी है तो दूसरी तरफ कार्यकर्ताओं द्वारा उक्त दोनों में से अगर किसी को टिकट नहीं दी जाती तो वह नए चेहरे को मैदान में उतारने की मांग भी करने लगे हैं। कार्यकर्ताओं को डर है कि पार्टी कहीं पैराशूट या किसी दूसरे शहर से नए चेहरे को लेकर मैदान में न उतार दे, जिससे पार्टी को खतरा हो सकता है। इसलिए होशियारपुर से संबंधित किसी चेहरे को चुनाव मैदान में उतारा जाए। कुछ कार्यकर्ता पार्टी के पुराने कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग करते हुए गांव चक्क साधू निवासी भाजपा नेता जोकि 30 साल से पार्टी सेवा में लगे हुए हैं तथा लगातार गांव के सरपंच बन रहे राज कुमार चक्क साधू को टिकट की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े राज कुमार पार्टी में अलग-अलग पदों पर सेवाएं निभा चुके हैं और आरक्षित सीट के लिए मजबूत उम्मीदवार के तौर पर उभर सकते हैं तथा कार्यकर्ताओं ने इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर भी उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की है।

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दलित नेताओं में शूमार चिंटी हंस का नाम भी चर्चाओं में है तथा उनके समर्थकों द्वारा भी पार्टी हाईकमान से उन्हें चुनाव मैदान में उतारने की मांग की जा रही है। चिंटू हंस पार्टी टिकट पर पार्षद का चुनाव भी लड़ चुके हैं और भाजपा के समस्त गुटों से उनका काफी समन्वय रहा है।

भाजपा पार्षद एवं दलित नेता सुरिंदर भट्टी के नाम की चर्चाओं के चलते भी राजनीतिक माहौल पूरी तरह से गर्म है। भाजपा में कई पदों पर सेवाएं निभा चुके भट्टी वाल्मीकि भाईचारे में अच्छी पकड़ रखते हैं और उनके नाम की चर्चा से वाल्मीकि समुदाय में खुशी की लहर है। उनके समर्थकों द्वारा भी उन्हें टिकट दिए जाने की मांग की जा रही है।

इनके अलावा चब्बेवाल से डा. दिलबाग राय का नाम भी चर्चाओं में है तथा कार्यकर्ताओं का मत है कि वह लंबे समय से पार्टी की सेवा कर रहे हैं और पिछली बार भी उनके नाम पर लगभग मोहर लग ही गई थी, लेकिन पार्टी द्वारा किसी दूसरे को टिकट दिए जाने के चलते उनका नाम कट गया था। इस बार कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि नए चेहरे या किसी अन्य पार्टी से आए नेता को मैदान में उतारने की बजाए डा. दिलबाग राय पर दांव लगाना चाहिए तथा वह विश्वास दिलाते हैं कि यह सीट जीतकर पार्टी की झोली में डाली जाएगी।

कई वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं का मत है कि वैसे भी वोट मोदी के नाम पर पड़ने वाले हैं, देखा जाए तो पिछले उम्मीदवारों ने जीतने के बाद हलके में नाममात्र ही विकास करवाया था तथा जनता के साथ संपर्क साधने में भी वह विफल ही साबित हुए। इतना ही नहीं मीडिया के साथ भी उनका तालमेल कुछ अच्छा नहीं कहा जा सकता। इसलिए पार्टी को सोचसमझकर ही दांव खेलना चाहिए। क्योंकि, आम आदमी पार्टी की सरकार होने के चलते वह पंजाब में अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए राजनीतिक हदों को पार करने में परहेज नहीं करेगी, इस बात को भी ध्यान में रखा जाना जरुरी है। खैर यह सब तो राजनीतिक बाते हैं, लेकिन फिलहाल भाजपा हाईकमांड पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं कि वह इस सीट से किसे जीतने का मौका देती है।

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