अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। सारे पंजाब में नागरिक सुविधाओं का बुरा हाल है और पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री को देखने के लिए पंजाब की जनता तरस गई है। वे मंत्री न तो जनता के सामने आते हैं, न शहरों में जो जनता की दुर्गति है उसे कभी अपनी आंखों से देखते हैं और जो कागजों में पिछली कांग्रेस सरकार के समय से ही करोड़ों अरबों रुपये स्मार्ट सिटी के नाम पर खर्च करने की तैयारी हो चुकी है वह स्मार्ट सिटी है क्या आज तक जनता को बताया नहीं। क्या कोई ऐसा शहर है जहां निगम की ओर से हर रोज सफाई नहीं होती। पंजाब के ऐसे कितने शहर हैं जहां कूड़ा रोज उठाया जाता है। क्या पंजाब का ऐसा कोई शहर है जहां पीने के लिए साफ पानी सब लोगों को मिलता है। क्या मंत्री जी जानते हैं कि आवारा पशुओं के कारण कितने लोग दुर्घटनाग्रस्त होते हैं।
क्या चंडीगढ़ के ठंडे कमरों में बंद स्थानीय निकाय मंत्री यह जानते हैं कि केवल उन्हीं इलाकों में नागरिक सुविधाएं दी जा रही हैं जो स्मार्ट सिटी योजना में लिए गए हैं। शेष शहर लावारिस हैं। अगर मंत्री जी थोड़ी भी राजनीतिक धर्म जानते हैं और मंत्री पद के कर्तव्यों से परिचित हैं तो जनता में आएं और पहली अपनी आंखों से देखें और फिर सुनें कि जनता को स्थानीय स्वशासन की अयोग्यता के कारण कितने कष्ट सहने पड़ते हैं। मैं मंत्री जी को याद करवाना चाहती हूं कि आज से छह दशक पहले हमारे शहर ज्यादा साफ थे, मनुष्य के लिए ही नहीं पशुओं के लिए भी पानी पीने का सही प्रबंध था। अब बुरी हालत है। मंत्री जी को मेरी यह सलाह है कि इंदौर जाकर अपनी आंखों से देखिए कि स्मार्ट और साफ शहर कैसे होते हैं।