कहां सोये हैं मानवाधिकार के अधिकारी और सरकारी सिफारिशी?: लक्ष्मीकांता चावला

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्य यह बताएं कि क्या उनकी नियुक्ति सरकार ने चंडीगढ़ के ठंडे कमरों में बैठने के लिए की है या उन लोगों तक पहुंचना भी आयोग के सदस्यों का कर्तव्य है जिन्हें मनुष्य होते हुए भी मानवीय अधिकारों से वंचित किया गया है। अफसोस की बात है कि केवल पंजाब में ही हजारों लाखों लोगों का शोषण हो रहा है, पर न तो मानव अधिकार आयोग उनको सुनने के लिए तैयार है, उनकी निकट जाना तो दूर उनकी जो पीड़ा लिखकर भेजी जाती है उसका भी एक्शन लेना तो दूर जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा।

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इसके साथ ही जो राजनीतिक चुनावी वीर चुनाव में वोट लेने के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं, बड़े बड़े झूठे आश्वासन दे रहे हैं उनके मैनिफेस्टो या संकल्प पत्र या अन्य घोषणाओं में कहीं एक शब्द भी उन बेचारों के लिए नहीं है जिन्हें मनुष्य होते हुए भी मनुष्य जैसा व्यवहार नहीं मिल रहा और उनका कदम कदम पर शोषण हो रहा है। मेरी पंजाब सरकार तथा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से यह अपील है कि और कुछ मुफ्त बांटने से पहले जरा उन लोगों के निकट आइए जो न्याय और इंसानी व्यवहार के लिए तरसते हुए जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

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