हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रजनीश शर्मा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी ने एक बार फिर छात्रों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से बाल मेले का आयोजन किया, जिसमें छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लिया। मेले में बच्चों को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और मनोरंजन के माध्यम से नई चीज़ें सीखने का बेहतरीन अवसर प्रदान किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता और व्यावहारिक ज्ञान को भी निखारना था। मेले में छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए विज्ञान मॉडल्स और समाज एवं पर्यावरण आधारित मॉडल्स ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। छात्रों ने अपनी कल्पनाशक्ति और वैज्ञानिक सोच का प्रदर्शन करते हुए अनोखे और नवीन मॉडलों की प्रदर्शनी लगाई। आदित्य का विज्ञान मॉडल सबसे अधिक सराहना पाने वाला रहा, जबकि समाज में भावना,कनिका, हिंदी में रितिका, गणित में रुत्विक ,अनिरुध, ने शिक्षण अधिगम सामग्री (TLM) में प्रथम स्थान हासिल किया। मेले में फन गेम्स और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने पूरे जोश के साथ भाग लिया। इन गतिविधियों ने न केवल बच्चों के मनोरंजन का साधन उपलब्ध कराया, बल्कि उनके ज्ञानवर्धन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेले में बच्चों द्वारा संचालित फ़ूड कार्नर ने सभी का ध्यान खींचा।
यहाँ पर बच्चों ने परंपरागत खानपान के साथ-साथ फ्रूट चाट, खीर, सीरा, बबरू जैसी स्वस्थ और स्वादिष्ट वस्तुओं का स्टाल लगाया हुआ था इस गतिविधि ने न केवल बच्चों के व्यावहारिक जीवन कौशल को विकसित किया, बल्कि उन्हें टीमवर्क और व्यवसायिक समझ के बारे में भी महत्त्वपूर्ण सीख दी। बाल मेले के विजेता छात्र 14 तारीख को उहल विद्यालय में आयोजित होने वाली क्लस्टर लेवल की प्रतियोगिता में अपने विद्यालय का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह प्रतियोगिता उनके लिए एक और बड़ा मंच होगा, जहाँ वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे और स्कूल का नाम रोशन करेंगे। बाल मेले का आयोजन सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं किया गया था, बल्कि इसके माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। इस प्रकार के आयोजन बच्चों की रचनात्मकता, तार्किक सोच, सामाजिक कौशल और नेतृत्व क्षमता को विकसित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने मेले के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अधिक उत्साह के साथ शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेते हैं।
कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों में रचनात्मकता, समन्वय और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा कि यह मेला बच्चों के सर्वांगीण विकास का एक बेहतरीन उदाहरण है, जहां वे खेल-खेल में बहुत कुछ सीखते हैं। इस बाल मेले ने न सिर्फ बच्चों को मंच दिया, बल्कि उनके साथ-साथ अध्यापकों और अभिभावकों के लिए भी यह एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ। इस अवसर पर लीना, तनु , रवि, सुरेश, सुमन लता, प्रोमिला, अदिति, नेहा सहित सभी अध्यापक उपस्थित रहे।