शरारती तत्वों से सावधान रहे और उनके बहकावे में न आए क्रिश्चियन भाईचारा: चर्च कमेटी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। क्रिश्चियन भाईचारे द्वारा कब्रिस्तान में अवैध कब्जा करवाने तथा प्रबंधकों द्वारा मनमर्जी किए जाने के आरोपों का खंडन करते हुए चर्च कमेटी के सचिव कैनिथ बैनजामिन, संजीव नारु, लारैंस चौधरी, रुप लाल थापर, रवि कुमार बबलू, अमित कुमार एवं राकेश कुमार ने अपना पक्ष रखा। प्रैस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता दौरान रवि कुमार बबलू ने बताया कि उक्त मुद्दा उठाने वाले कुछ शरारती तत्व हैं तथा वे भाईचारे का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। उसने बताया कि वह विश्प की आज्ञा से कब्रिस्तान के भीतर रह रहा है तथा वह डायओसिस को इसका किराया देता है। उसने बताया कि जिस फोटो के साथ शरारती लोगों ने समाचारपत्रों में समाचार प्रकाशित करवाया है वह निराधार है, क्योंकि वे लोग किसी की मृत्यु पर उसे दफनाने की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आए थे तथा उनमें से अधिकतर को फोटो खीचे जाने की जानकारी नहीं थी तथा न ही उन्हें समाचार के बारे में पता था। उसने बताया कि इस संबंधी फोटो में मौजूद एक सुशील नामक व्यक्ति ने इस संबंधी लिखित तौर पर चर्च कमेटी को दिया है कि उन्हें गुमराह किया गया था।

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कब्रिस्तान में कब्जा करवाने और मनमर्जी के आरोपों को नकारा

कमेटी सदस्यों ने बतया कि उक्त मुद्दा उठाने वालों में एक जैसन मैथ्यूज नाम का व्यक्ति है जो पहले कमेटी का सदस्य हुआ करता था तथा उसे भ्रष्टाचार के चलते निकाल दिया गया था। उन्होंने बताया कि वे किसी न किसी तरीके से चर्च का माहौल खराब करना चाहता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि क्रिश्चियन भाईचारे के कब्रिस्तान पर किसी तरह का नाजायज कब्जा नहीं है तथा न ही चर्च कमेटी ऐसा करने की किसी को आज्ञा देती है। उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि वे इन शरारती तत्वों से सुचेत रहें तथा चर्च कमेटी पर विश्वास रखें। उन्होंने बताया कि रवि कुमार को बतौर केयर टेकर विश्प द्वारा नियुक्त किया गया है तथा वहां पर एक अन्य व्यक्ति को माली के तौर पर रखा गया है।

दूसरी तरफ चर्च कमेटी से निकाले जाने के आरोपों को सिरे से नकारते हुए जैसन मैथ्यूज ने कहा कि उक्त कमेटी सदस्य भाईचारे को लोगों को गुमराह करके अपने राजनीतिक एवं सामाजिक स्वार्थों की सिद्धी करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये कमेटी सदस्य सत्य बोल रहे हैं तो इन्हें भाईचारे को बताना चाहिए कि ये कमेटी का चुनाव क्यों नहीं करवा रहे तथा करीब तीन साल से एडहॉक कमेटी क्यों चला रहे हैं। कमेटी से निकाले जाने संबंधी उन्होंने कहा कि जो पत्र कमेटी द्वारा जारी किया गया था उसमें कहीं भी उनका नाम नहीं था तथा वो पत्र उनके पिता के नाम था। उन्होंने कहा कि भाईचारे को गुमराह करके कमेटी सदस्य अपनी राजनीकि रोटियां सेंक रहे हैं। जिनके खिलाफ कार्रवाई हेतु वे जल्द ही माननीय हाईकोर्ट में केस करने वाले हैं।

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