सेवा,सिमरन व सत्संग गुरसिख के जीवन का महत्वपूर्ण अंग : महात्मा गोबिंद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन असलामबाद होशियारपुर में मुखी माता सुभदरा देवी के नेतृत्व में संत समागम का आयोजन किया गया। इस मौके पर संत निरंकारी मंडल के प्रधान महात्मा गोबिंद सिंह जी विशेष तौर पर पहुंचे। उनका होशियारपुर पहुंचने पर ब्रांच के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद संत समागम के दौरान प्रवचन करते हुए महात्मा गोबिंद सिंह जी ने कहा कि जिस इंसान के मन में परमात्मा का निवास हो जाता है, वह हर रंग में एक रंग ही रहता है। संसार में रहते हुए हालात जैसे मर्जी हो, दुख हो सुख हो सभी हालातों में एकरस परमात्मा के रंग में रंगा रहता है।

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-परमात्मा की जानकारी के बाद परमात्मा इंसान को अंग संग नजर आता है

सतगुरु की कृपा के बिना इस परमात्मा की जानकारी नहीं हो सकती। संसारिक जानकारी को ज्ञान कहा जाता है लेकिन जब इंसान इस परमात्मा की जानकारी कर लेता है तो उसे ब्रह्मज्ञान कहा जाता है। उन्होंने कहा कि इंसानी शरीर की अहमियत तब तक होती है जब तक आत्मा है जब आत्मा निकल जाती है तो हाथ भी वहीं होता है, पैर भी वहीं होते है लेकिन काम नहीं करते। सासों की डोर बड़ी कमजोर कब जानें कब कोई साथी छुट जाए, इसलिए सांसो के रहते रहते इस जीवन के असली उद्देश्य इस परमात्मा की जानकारी करने को पूरा कर लेना चाहिए। आत्मा को केवल परमात्मा की भूख होती है। परमात्मा का सिमरन ही इसकी खुराक है।

गुरसिख के जीवन का परमात्मा की आधार होता है। उन्होंने कई संतो महात्माओं की उदाहरण देते हुए समझाया कि जिस इंसान को इस परमात्मा की जानकारी हासिल हो जाती है परमात्मा उसको अंग संग दिखाई देता है। जब भी इंसान परमात्मा का सहारा लेता है तो सारे काम सफल होते है। सतगुरु के चरणों में जाकर इस प्रभु परमात्मा की जानकारी के बाद ही असल भक्ति शुरू होती है जो इंसान गुरु की महिमा गायन करता है उसकी महिमा इस संसार में होती है। सतगुरु की हुकम को बिना किसी हील हुज्जत के मानना ही सतगुरु की महिमा का गुणगान करना है।

सेवा,सिमरन व सत्संग गुरसिख के जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है तथा करना जरूरी है। अंत में संचालक महात्मा बाल किशन जी ने महात्मा गोबिंद सिंह जी का धन्यवाद किया। मंच सचिव की भूमिका महात्मा राकेश कुमार ने अदा की। इस मौके पर डा. सुदर्शन कुमार, भंगाला ब्रांच के मुखी अशोक कुमार, हरियाना ब्रांच के मुखी डा. रत्न सिंह, निर्मल दास, जसवीर सिंह, विपन कुमार, गगनदीप सिंह आदि उपस्थित थे

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