होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर के फगवाड़ा रोड़ स्थित सोने के आभूषणों के शोरुम तनिष्क में उस समय हंगामा हो गया, जब वहां पर गहने खरीदने पहुंचे एक ग्राहक ने तनिष्क पर बिल में गढ़बढ़ी का कथित आरोप लगाते हुए उसकी आशंका का निवारण करने की बात कही, जिस पर वहां मौजूद मैनेजर व अन्य स्टाफ सदस्य उनकी आशंका का निवारण करने में असमर्थ रहे और उन्होंने मामला हैडऑफिस के नोटिस में लाए जाने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया।
इस संबंधी जानकारी देते हुए प्रो. दलजीत सिंह ने बताया कि वे आज 4 अप्रैल को पहली बार तनिष्क में अपनी बेटी के विवाह हेतु सोने के गहने खरीदने आए थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने दो चूड़ीयां सोने की इन्हें दी थी तथा स्टाफ ने कहा कि वे कंपनी की पॉलिसी के अनुसार इसे गलाने उपरांत ही बता सकेंगे कि इसका बजन व कीमत कीतनी है। इसके बाद उन्होंने उनके सामने ही सोने की ढलाई की और बताया कि सोना 28.152 ग्राम एवं कीमत 72353 बनती है, जोकि इन्होंने एक कच्ची पर्ची पर लिखकर उन्हें दी थी। उन्होंने बताया कि आज जब उन्होंने उक्त सोना देकर गहने खरीदा, जिसकी कीमती करीब 1 लाख 44 हजार रुपये बनी तो तनिष्क की तरफ से दिए गए बिल में उनके सोने की कीमत जोकि 72353 दिखाई जानी चाहिए थी, के स्थान पर करीब 70 हजार रुपये अंकित की गई। पूछने पर बताया गया कि कंपनी की तरफ से डिस्काउंट दिया गया है। यानि कि मुझे मेरे ही सोने में से डिस्काउंट दिया गया, जबकि डिस्काउंट कंपनी की तरफ से पूरी कीमत पर दिया जाना होता है तथा अगर कंपनी उन्हें डिस्काउंट देती है तो वे इसके लिए कंपनी के धन्यवादी रहेंगे। परन्तु बिल में की गई गढ़बढ़ी को लेकर स्टाफ द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा। जिसके चलते वे खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। प्रो. सिंह ने बताया कि उनके द्वारा दिए गए सोने की कीमत में करीब 1500 रुपये का फर्क आ रहा है तथा उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि उन्होंने यहां आकर कोई गलती कर दी है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इस संबंधी एतराज जताया तो स्टाफ ने यहां तक भी कह दिया कि आप गहने वापस कर सकते हैं। परन्तु उन्होंने जो वस्तु अपनी बेटी के लिए ली है अब वे उसे वापस नहीं करेंगे। परन्तु दुख की बात है कि वे पहली बार तनिष्क आए और उन्हें दुखी होना पड़ा।
दूसरी तरफ इस संबंध में ब्रांच मैनेजर कुनाल का कहना है कि प्रो. दलजीत सिंह द्वारा दिया गया सोना उनके सामने ही गलाया गया था तथा कंपनी की पॉलिसी के हिसाब से ही बिल बना है। उन्होंने कहा कि प्रो. साहिब की शिकायत व एतराज को उन्होंने कंपनी को भेज दिया है। वहां से जो भी निर्णय आएगा उसके हिसाब से इन्हें संतुष्ट करवाया जाएगा।