गढ़दीवाला(द स्टैलर न्यूज़)। सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन गढ़दीवाला में ब्रांच के इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह जी के नेतृत्व में संत समागम का आयोजन किया गया जिसमें जोनल टूर के मुताबिक महात्मा जे. के द्विवेदी विशेष तौर पर पहुंचे। उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि जब इंसान को सत्संग की घडिय़ां मिलती है वही इंसान की घडिय़ां धन्य होती हैं, बाकी समय सब बेकार होता है। हमारे जीवन के लिए क्या लाभदायक है और क्या हानिकारक है यह सत्संग में आकर ही पता चलता है। जब इंसान को पूर्ण सतगुरु मिलता है तो इंसान की भक्ति शुरू होती है।
गुरसिख वही होता है जो परमात्मा को अंग संग देखता है । परमात्मा से सारा संसार प्रकट हुआ है। उन्होंने कहा कि जैसा हम दूसरों का जीवन देखना चाहते हैं, वह पहले अपने जीवन में लाना होगा । उन्होंने कहा कि अगर हम अपने बच्चों में प्यार नम्रता सहनशीलता व अन्य दैवी गुण लाना चाहते हैं तो वह हमें पहले अपने जीवन में अपनाने होंगे। उन्होंने गुरुसिख के जीवन की पहचान बताते हुए कहा कि जिसके जीवन में निम्रता, प्यार , सहनशीलता और ठहराव होता है वह असल में गुरसिख होता है।
उन्होंने कहा किे जिनके मन में सुंदरता भरी होती है , उसका जीवन सुंदर होता है। जब इंसान का सिर गुरु के चरणों में झुकता है तो अहंकार अपने आप ही चला जाता है। उन्होंने कहा कि जिस इंसान को हर घट में परमात्मा दिखाई दे तो समझ लेना चाहिए कि इंसान के जीवन में प्यार है। इससे पहले मिशन के कलाकार महात्मा लव कुमार ने सतगुरु माता जी ने चाहुंदे मेरा गुरसिख सब नाल प्यार करे भजन गाकर सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज जन जन तक पहुंचाया। मंच सचिव की भूमिका महात्मा कर्म सिंह ने निभाई । अंत में ब्रांच इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह जी ने महात्मा जे के द्विवेदी जी को दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया।