हरियाना (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: प्रीति पराशर। हरियाना निवासियों ने सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की नियमित तौर पर तैनाती करके इस अस्पताल को अस्पताल बनाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि अस्पताल में डाक्टरों के न होने से उन्हें होशियारपुर एवं अन्य शहरों का रुख करने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिसके चलते जहां मरीज को प्राथमिक ईलाज नहीं मिल रहा वहीं कंडी क्षेत्र के लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है।
आलम यह है कि कभी जनौड़ी से तो कभी भूंगा से डाक्टरों की ड्यूटी यहां लगाकर काम चलाया जा रहा है, जोकि मरीजों पर भारी पड़ रहा है। एक समय था जब हरियाना अस्पताल में सर्जन तक तैनात थे और एक आज का दिन है जब अस्पताल में डाक्टरों का टोटा हो चुका है। इतना ही नहीं अस्पताल परिसर में डाक्टरों के लिए बने निवास स्थान डंगल का रुप धारण कर चुके हैं और लावारिस जानवर अकसर अस्पताल के भीतर अपना डेरा डाले रहते हैं। साफ-सफाई के अभाव के चलते अस्पताल के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
इलाके निवासी कमल कुमार, अमरीक सिंह, ममता रानी, जतिंदर पाल, कमलेश शर्मा एवं ज्ञान चंद आदि ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेसी नेता पवन कुमार आदिया ने कहा था कि अकालियों ने इस अस्पताल को अस्पताली बना दिया है, अगर वे जीते तो वे इसे पुन: अस्पताल बनवाएंगे ताकि हरियाना एवं कंडी के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। मगर सरकार बने हुए डेढ़ साल से अधिक समय हो चुका है, मगर मौजूदा विधायक अस्पताल की सुध लेना भूल गए हैं। जिसके चलते लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हरियाना कंडी क्षेत्र का मुख्य कस्बा है और रोजाना हजारों लोग यहां खरीददारी एवं स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए पहुंचते हैं। मगर अस्पताल के हालात खुद इतने बदतर हो चुके हैं कि अस्पताल खुद बीमारी से जूझ रहा है।
जिसकी तरफ ध्यान देना समय की मांग है। इलाका निवासियों ने जहां विधायक पवन कुमार आदिया से उनका वायदा याद करते हुए अस्पताल की दशा सुधारने की मांग की है वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी अपील की कि यहां पर डाक्टरों की तैनाती पक्के तौर पर की जाए ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े।
इस संबंध में बात करने पर एस.एम.ओ. रणजीत सिंह का कहना है कि एडजस्टमैंट करके ड्यूटियां लगाई जा रही हैं। कभी जनौड़ी, ढोलवाहा, भूंगा एवं गढ़दीवाला आदि से डाक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि पक्के तौर पर डाक्टरों की तैनाती उच्च अधिकारी के हाथ में है तथा वे इस समस्या को उनके ध्यान में लाएंगे ताकि इसका हल करवाया जा सके।