पांच सीनियर मंत्रियों ने कहा: फूलका की ओर से इस्तीफ़ा देने की धमकी न्याय के रास्ते में रुकावट की कोशिश

चंडीगढ(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार के पांच सीनियर कैबिनेट मंत्रियों द्वारा आम आदमी पार्टी के एम.एल.ए. एच.एस. फूलका के इस्तीफ़ा देने की धमकी को न्याय के रास्ते में रुकावट पैदा करने की कोशिश कहा है और कहा कि लोकहितों के लिए यह कार्यवाही एक सीनियर नेता को शोभा नहीं देती।

Advertisements

मंत्रियों ने एक बयान में कहा कि जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट अनुसार दोषियों के विरुद्ध कानून अनुसार समयबद्ध और विस्तृत जांच की जायेगी। मंत्रियों ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह चुनाव के दौरान पुलिस फायरिंग में निर्दोष पीडि़तों को न्याय दिलाने वाले अपने वादे को पूरा करने के लिए वचनबद्ध हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि दोषी कितने भी रसूख़दार क्यों न हों, क्षमा नहीं किया जाएगा। पंजाब कैबिनेट के पाँच मंत्रियों नवजोत सिंह सिद्धू, मनप्रीत सिंह बादल, सुखजिन्दर सिंह रंधावा, तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा और चरनजीत सिंह चन्नी ने ज़ोर देते हुए कहा कि फूलका द्वारा 15 दिनों में संदिग्धों को गिरफ़्तार करने का अल्टीमेटम देना न्याय और इन्साफ के सिद्धांत का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि फूलका जो ख़ुद एक तजुर्बेकार और जाने माने वकील हैं, कानून और इन्साफ की ज़रूरत से अच्छी तरह परिचित हैं और धर्म के ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर आप पार्टी के नेता को राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले की जांच में सीधे रूप में हस्तक्षेप करने से गुरेज़ कर रही है क्योंकि जुर्म या अपराध की जाँच की जि़म्मेदारी पुलिस या जांच एजेंसियों की होती है, जिनसे इमानदार और विश्वसनीय व्यवहार की आशा की जाती है।

मंत्रियों ने कहा कि पंजाब विधानसभा द्वारा बेअदबी और गोलीबारी की घटनाओं की जांच के लिए ‘विशेष जांच दल’ (एस.आई.टी.) बनाऐ जाने संबंधी सर्वसम्मती से पारित किये प्रस्ताव को लागू करने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि ‘विशेष जांच दल’ गठित होने की प्रक्रिया अधीन है और यह पूरे मामले की जांच पूरी सख्ती और कानून अनुसार करेगी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जांच टीम को अपना कार्य बिना किसी दख़ल और निष्पक्षता के साथ स्वतंत्र ढंग से करने देना चाहिए।

मंत्रियों ने अपने साझे बयान में कहा कि श्री फूलका को याद रखना चाहिए कि हमारे पवित्र धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के सत्य को सामने लाने के लिए ‘विशेष जांच दल’ गठित किया गया है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और दूसरे पवित्र धार्मिक ग्रंथों जैसे बाईबल, गीता या कुरान आदि के सत्कार के लिए यह ज़रूरी हो जाता है कि यह जांच किसी दबाव से रहित और पारदर्शिता और बिना किसी दख़ल से हो, जिसके लिए सरकार कानून में संशोधन की प्रक्रिया में है।  मंत्रियों ने कहा कि ‘विशेष जांच दल’ द्वारा जांच शुरू होने से पहले ही गिरफ़्तार करने की माँग या विधानसभा से इस्तीफ़ा देने की धमकी दोषियों को बचाने के लिए कानूनी पेशकश करना और सहायता है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को विनती की है कि वह किसी भी दबाव के बिना ‘विशेष जांच दल’ को स्वतंत्र और निष्पक्ष तौर पर काम करने की आज्ञा देने के लिए सहयोग दें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here