होशियारपुर/गढ़दीवाला (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन गढ़दीवाला में ब्रांच के इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह के नेतृत्व में संत समागम का आयोजन किया गया। इस मौके पर जोनल इंचार्ज महात्मा अजमेर सिंह संधू विशेष तौर पर पहुंचे। उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि चौरासी लाख योनियों के बाद मानुष जन्म इंसान को प्राप्त हुआ है। सतगुरु की शरण में जाकर इस निरंकार प्रभु की जानकारी के बाद जन्म मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने गुरसिख के जीवन पर विचार चर्चा करते हुए कहा कि सतगुरु द्वारा दिए गए ज्ञान पर टिके रहने के लिए सेवा, सिमरन व सत्संग करना बहुत ही जरूरी है। प्रभु परमात्मा की जानकारी के बाद इंसान को हर किसी में इस परमात्मा की रूप नजर आता है।
उन्होंने कहा कि इंसान का सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है। आज का इंसान इंसानियत धर्म को भूलता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इंसान चाहता तो है की जीवन में प्यार, विनम्रता व अन्य दैवी गुण आए लेकिन मन में वैर, विरोध, नफरत की भावनाएं रखता है जिससे जीवन में दैवी गुण नहीं आ सकते। आज का इंसान परमात्मा को भूल चुका है जिसके चलते इंसान दुखी है। प्रभु परमात्मा सदा रहता है और सदा रहेगा। उन्होंने कहा कि इंसान अच्छा डाक्टर, वकील, अध्यापक, खिलाड़ी तभी बन सकता है जब अच्छा इंसान बनेगा। बाकी चीजें तभी मुबारक कही जा सकती है जब इंसान के जीवन में इंसानियत होगी।
इस मौके पर अमन भाटिया, अमनदीप सिंह, राजिंदर सिंह, इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह, जोगिंदर सिंह डफ्फर आदि सहित अन्य संत महात्माओं ने अपने विचार पेश किए। अंत में ब्रांच के इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह को नेतृव में संचालक सुरजीत सिंह, शिक्षक महात्मा सुखबीर सिंह, सहायक शिक्षक डा. सुखदेव सिंह, संचालिका शशि बाला व शिक्षिका सुषमा रानी ने संयुक्त रूप से दुपट्टा पहना कर स्वागत व धन्यवाद किया। इस दौरान मंच संचालन की भूमिका महात्मा कर्म सिंह ने निभाई।