“आप”: वोटिंग, हंगामा और नारेबाजी

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-होशियारपुर में ‘आप’ की बैठक में जमकर हुआ हंगामा, उम्मीदवारी को लेकर एक दूसरे को कोसा, कई मामलों से उठाया पर्दा – होशियारपुर (कैप्टन मुनीष किशोर)। आम आदमी पार्टी की स्थापना से आजतक इसका ग्राफ जिस तेजी के साथ राजनीति के पटल पर ऊपर गया था उसी तेजी के साथ अब जमीन की तरफ सरकता नजऱ आने लगा है। एक तरफ जहां आप नेताओं पर चरित्रहीनता, नशा व अन्य तरह के आरोप लग रहे हैं वहीं अन्य राजनीतिक पार्टियों की तरह ही इसमें गुटबाजी और पूंजीवाद का बोलबाला होने से इससे जुड़े कार्यकर्ताओं और आम जनता की उम्मीदे धूमिल होने लगी हैं। दिल्ली के बाद अब पंजाब की सत्ता पर नजऱें जमाए बैठे आप नेताओं के लिए पंजाब के चुनाव कड़वी दवा साबित होने वाले हैं इसके आसार खुद पार्टी में हो रही बगावत और पार्टी द्वारा घोषित किए जा रहे व किए जाने वाले अधिकतर उम्मीदवारों को लेकर उभरे विरोध से साफ जाहिर हो चुका है। पार्टी सूत्रों अनुसार होशियारपुर के ऊना रोड स्थित नवजीत फार्म में आज पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव लडऩे की चाहत रखने वाले उम्मीदवारों से उनकी इच्छा जानने के लिए बैठक रखी गई थी। इस बैठक में एक बाक्स रखा गया था जिसमें उम्मीदवार बनने की चाहत रखने वाले तथा उम्मीदवार कौन होना चाहिए उससे संबंधित नाम लिखकर एक पर्ची डाली जा रही थी। परन्तु होशियारपुर से पार्टी द्वारा घोषित किए जाने वाले संभावित उम्मीदवार व कुछेक अन्य लोगों को लेकर अचानक ही बैठक में हंगामा हो गया और वहां का माहौल पूरी तरह से तनावपूर्ण हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि नौवत हाथापाई तक पहुंच गई तथा कुछेक नेताओं ने बीच-बचाव करके स्थिति को संभालते हुए लोगों को हाल से बाहर निकालना शुरु कर दिया। बाहर आकर आप नेताओं ने जमकर नारेबाजी की और कहा कि उनका पार्टी के साथ कोई विरोध नहीं है, परन्तु जो व्यक्ति छोटेपुर के साथ चलते हैं और भाजपा से संबंधित हैं उन्हें पार्टी प्लेटफार्म पर आने का कोई हक नहीं। इस दौरान पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब वे लोग सरकार के खिलाफ, मजीठिये के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे व थाने गए तब यह लोग कहां थे। दूसरी तरफ पार्टी के साथ हाल ही में जुड़े नेताओं का कहना था कि वे केजरीवाल की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी से जुड़े हैं तथा पार्टी की नीतियों के तहत ही वह यहां वोट करने पहुंचे हैं। परन्तु न जाने क्यों आम आदमी की परिभाषा को गलत तरीके से जनता के समक्ष रखकर जनता को गुमराह करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उनका कहना था कि वे केजरीवाल की नीतियों व पार्टी सिद्धांतों की कद्र करते हैं परन्तु आज जो उक्त लोगों ने किया वह पार्टी के खिलाफ संदेश दे गया है।

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होशियारपुर में घटे इस सारे प्रकरण पर नजऱ दौड़ाई जाए तो पार्टी द्वारा संभावित उम्मीदवार का नाम सामने आने से कई नेताओं जोकि खुद पार्टी उम्मीदवार के तौर पर जनता में घोषणा कर चुके हैं को खास तकलीफ हुई और उन्होंने अपने समर्थकों के साथ वोटिंग दौरान अपना विरोध जाहिर करते हुए नारेबाजी की। इतना ही नहीं पार्टी सूत्रों का मानना है कि पंजाब में छोटेपुर का प्रकरण होने के बाद हर कदम फूंक-फूंक कर रखा जा रहा है तो ऐसी स्थिति में होशियारपुर का प्रकरण जनता में कोई अच्छा संदेश नहीं दे गया। इसका निश्चित तौर पर पार्टी को कहीं न कहीं नुकसान उठाना पड़ सकता है। राजनीतिक माहिरों का मानना है कि अगर किसी को एक नए उम्मीदवार जोकि थोड़े समय से ही पार्टी के साथ जुड़ा है तो इसका विरोध उन्हें केजरीवार और पंजाब के नेताओं के समक्ष करना चाहिए, इस तरह से मीडिया और लोगों के बीच हंगामा करने की घटना ने आप आदमी की पहचान पर ही प्रश्न चिंह लगा दिया है। हालांकि विरोध करने वालों का विरोध में काफी हद तक सही माना जा सकता है पर तरीका गलत कहा जा सकता है, क्योंकि जो लोग पार्टी के निर्माण से लेकर अब तक और इसकी मजबूती के लिए जमीनी स्तर पर काम करते रहे हैं उन्हें नजर अंदाज करना जायज नहीं कहा जा सकता। अब देखना यह है कि आज के हंगामे के बाद पार्टी हाईकमान क्या रुख अख्तियार करती है और आम लोगों के बीत पार्टी अपना अक्स सुधारने में कितना कामयाह हो पाती है।

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