होशियारपुर के बाद हरियाना में डायरिया की दस्तक: दहशत में लोग

 

होशियारपुर/हरियाना, (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: प्रीति पराशर। कस्बा हरियाना में गत दिनों से दूषित पानी की समस्या से डायरिया से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके चलते इलाके के लोग पूरी तरह से डरे हुए हैं, क्योंकि हाल ही में करीब दो माह पहले होशियारपुर में डायरिया के कहर से कई लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे थे और यहां पर भी लोगों की बढ़ती संख्या के चलते कई प्रकार की आशंकाएं बनी हुई हैं। जानकारी अनुसार भूंगा अस्पताल में 8 और हरियाना अस्पताल में 6 मरीज अब तक भर्ती हो चुके हैं तथा कुछेक लोग होशियारपुर से ईलाज करवा रहे हैं तो कई लोग गांवों में आर.एम.पी. डाक्टरों एवं कैमिस्टों से दवाई लेकर स्वस्थ्य रहने के प्रयास कर रहे हैं। पता चला है कि डायरिया फैलने का मुख्य कारण वार्ड 6 में सीवरेज डालने का कार्य चल रहा था और उस दौरान पीने वाली पानी को क्षति पहुंची थी। जिसे मुकम्मल तौर पर मरम्मत करने के स्थान पर पाइप को अस्थायी तौर पर टायर की ट्यूब से बांधकर काम चला दिया गया।

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जिसके कारण सीवरेज का गंदा पानी, पीने वाले पानी के साथ मिल गया और लोगों के घरों में पहुंचा। जिसे पीकर लोग प्रभावित हो गए व डायरिया की चपेट में आ गए। मगर, बावजूद इसके नगर परिषद द्वारा समस्या को गंभीरता से लिया जाना जरुरी नहीं समझा और न ही जिला प्रशासन की तरफ से किसी तरह के सख्त कदम उठाए जाने जरुरी बेहतर गए हैं। प्रशासन की उदासीनता के चलते लोगों को डायरिया का शिकार होने को मजबूर होना पड़ रहा है।

इतना ही नहीं हरियाना का अस्पताल जोकि अब एक डिस्पैंसरी का रुप धारण कर चुका है में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तथा दुख की बात है कि सुबह विधायक पवन आदिया के दौरे के समय पूरी तरह से चटहल-पहल वाला अस्पताल विभाग द्वारा खुला रखना जरुरी नहीं समझा गया और बाद दोपहर ही अस्पताल डाक्टरों से खाली हो गया तथा अस्पताल को कक्षा-4 मुलाजिमों के सहारे छोड़ दिया गया। शाम होते-होते मरीजों को घर भेज दिया गया और अस्पताल पर ताले लटका दिए गए। हालांकि इस संबंधी बात करने पर एस.एम.ओ. रणजीत सिंह का कहना है कि वे छुट्टी पर हैं, मगर उन्हें डायरिया संबंधी मरीजों की बढ़ती संख्या की जानकारी है। इसे नियंत्रण करने के लिए टीमें गठित करके राहत कार्य शुरु कर दिया गया है तथा लोगों को कलोरीन वितरित की जा रही है व आपातकालीन प्रबंध किए गए हैं। मगर अस्पताल में लटका ताला और किसी भी डाक्टर व नर्स का न होना आपातकालीन प्रबंधों की सच्चाई को उजागर करने के लिए काफी है। दूसरी तरफ सीवरेज बोर्ड के एस.डी.ओ. दविंदर सिंह का कहना है कि जब भी ऐसी स्थिति पैदा होती है तो उसे फौरी तौर पर ठीक करवाया जाता है तथा बाद में स्थायी तौर पर समस्या को हल करवाया जाता है।

इलाका निवासियों की मांग है कि जिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण इलाके के लोगों को डायरिया का शिकार होना पड़ा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, क्योंकि पीने वाले पानी के प्रति इतनी बड़ी वापरवाही लोगों की जान पर बन आई है और ऐसे में लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति पैदा न हो। लोगों ने विधायक पवन आदिया से मांग की कि वे हरियाना अस्पताल में माहिर डाक्टरों की नियुक्ति करवाएं और इसे 24 घंटे के लिए खुला रखने का भी प्रबंध करवाएं ताकि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या आने पर वे यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकें।

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