आग न लगा कर धान की पराली के प्रबंधन के लिए आगे आएं किसान: जिलाधीश

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। जिलाधीश ईशा कालिया ने कहा कि किसान धान की पराली को आग न लगाकर, इसके प्रबंधन को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसान आधुनिक कृषि उपकरण किराए पर ले सकते हैं। वे आज कृषि भवन होशियारपुर में लगे जिला स्तरीय किसान प्रशिक्षण कैंप के दौरान संबोधन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि धान की पराली को आग लगाने पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगाई गई है और जिले में पराली को जलाने के रु झान को रोकने के लिए 598 गांवों में नोडल अधिकारी और उनकी सहायता के लिए 32 कोआर्डिनेटिंग अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उक्त अधिकारी जहां जागरु कता फैलाएंगे, वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों को लागू भी करेंगे। उन्होंने कहा कि एन.जी.टी की हिदायतों अनुसार धान की पराली को आग लगाने वाले किसानों को जुर्माना भी किया जाएगा।

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– कहा, धान की पराली के प्रबंधन के लिए किराए पर लिए जा सकते हैं आधुनिक कृषि उपकरण

जिलाधीश ईशा कालिया ने किसानों को यह भी अपील की कि वे वातावरण व जमीन की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने के लिए आगे आएं, क्योंकि फसल के अवशेषों को आग लगाना मानवीय स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। इसके अलावा जमीन के अंदर के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं, जो जमीन के उत्पादन में असर डालते हैं। उन्होंने कहा कि धुएं का छोटे बच्चों के फेफड़ों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। उन्होंने किसानों को फसली चक्र में से निकलकर फसली विभिन्नता पर जोर देते हुए कहा कि वह कृषि विभाग की सिफारिश अनुसार ही कृषि करें। उन्होंने कहा कि अनावश्यक खादों का उपयोग कम से कम किया जाए।

जिलाधीश ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से निर्विघ्न धान की खरीद करने के लिए सारे प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं और किासनों को मंडियों मेें किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने किसानों को अधिक से अधिक सहायक धंधे अपनाने के लिए कहा। डायरेक्टर कृषि विभाग पंजाब डा. जसबीर सिंह बैंस ने कहा कि कृषि विभाग ने इनपुट के व्यापक प्रबंध किए हुए हैं और किसी किस्म की इनपुट की किसानों को कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि आज के कृषि युग में किसानों को ग्रुपों, सोसायटियां बना कर कृषि करनी चाहिे। उन्होंने किसानों को धान की पराली न जलाने के लिए भी अपील की।

मुख्य कृषि अधिकारी डा. विनय कुमार ने कहा कि फसलों के अवशेषों का कृषि में ही प्रबंधन करने के लिए सरकार की ओर से किसानों, किसानों के समूहों व सहकारी सभाओं को 50 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले में 253 मशीनें सुपर एस.एम.एस. कंबाईनें, हैप्पी सीडर, रिवर्सिबल मोल्ड बोल्ड प्लाओ, पैडी स्ट्रा चौपर शरैडर, मल्चर, शरब कटर, रोटरी सलैशर, जीर टिल ड्रिल, व रोटावेटर आदि मुहैया करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह कृषि उपकरण किराए पर उपलब्ध हैं और किसान धान की पराली के प्रबंधन के लिए इनका भी उपयोग कर सकते हैं। इस मौके पर भूमि परिक्षण अधिकारी डा. सुरिंदर सिंह ने भी संबोधित किया।

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