होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। होशियारपुर के लाजवंती आउटडोर स्टेडियम में चल रहा क्षेत्रीय सरस मेला दसवें दिन में प्रवेश कर गया है। अब तक होशियारपुर के नजदीकी जिलों को लोगों के अलावा एन.आर.आईज ने करोड़ों रुपए की खरीदो फरोख्त करके सैल्फ हैल्प ग्रुपों की आय में वृद्धि की है। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों से आए प्रसिद्ध लोक नृत्यों का जलवा भी पूरे यौवन पर है। मेले के दौरान एक ऐसा व्यक्ति भाईचारक सांझ का प्रतीक बना हुआ है, जो अपने जिंगलवैल बेच रहा है। दिल्ली से आए इस मुस्लिम बुजुर्ग व्यक्ति का नाम है काले खां है।
इस बुजुर्ग की ओर से बेचे जा रहे जिंगल वैल ईसाई व अन्य धर्मों में भी अहमियत रखते हैं। काले खां ने बताया कि वह दिल्ली से जिंगल वैल बेचने के लिए यहां आए हैं और जब किसी भी धर्म का व्यक्ति या बच्चा इसको खरीदता है, तो उसे बहुत खुशी महसूस होती है। उन्होंने बताया कि जिंगल वैल को महिलाएं व बच्चे काफी पसंद कर रहे हैं। जिलाधीश ईशा कालिया ने बीती सांय क्षेत्रीय सरस मेले में पहुंच कर जहां खरीददारी कर सैल्फ हैल्प ग्रुपों को उत्साहित किया, वहीं अलग-अलग राज्यों की ओर से पेश किए लोक नृत्यों को भी देखा। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्रीय सरस मेला सैल्फ हैल्प ग्रुपों को प्रफुल्लित करने में अहम योगदान अदा कर रहा है।
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि नौजवान व घरेलू महिलाएं परिवार की आय में योगदान डालने व पैरों पर खड़ा होने के लिए सैल्प हैल्प ग्रुप बना सकते हैं। उन्होंने क्षेत्रीय सरस मेले की सांस्कृतिक स्टेज पर किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे धान की पराली को आग न लगाएं बल्कि पराली को खेत में ही प्रबंधन करें, ताकि वातावरण को दूषित होने से बचाया जा सके। ईशा कालिया ने कहा कि डैपो के अंतर्गत मेले में सिग्रेचर बोर्ड लगाया गया है, ताकि नशे के खिलाफ जागरु कता मुहिम फैलाई जा सके। उन्होंने कहा कि जिला रैड क्रास सोसायटी की ओर से प्लास्टिक के लिफाफों की रोकथाम के लिए विशेष वातावरण अनुकूल बैग मेला प्रेमियों को मुहैया करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनता के उत्साह को देखते हुए क्षेत्रीय सरस मेले का एक दिन और बढ़ा दिया गया है, पहले यह मेला 3 नवंबर को समाप्त होना था, जबकि अब 4 नवंबर को संपन्न होगा। इस मौके पर अतिरिक्त जिलाधीश (विकास) हरबीर सिंह, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्रर(सामान्य) अनुपम कलेर के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।