मरने के बाद भी नहीं मिल रहा ‘शिफाली’ को इंसाफ

shaifali-25कै. मुनीष किशोर।
होशियारपुर। ससुरालियों की प्रताडऩा का शिकार हुई होशियापुर के मोहल्ला शेखां निवासी बदनसीब ‘शिफाली’ के पारिवारिक सदस्यों ने इंसाफ की उम्मीद में और पुलिस के प्रति रोष व्यक्त करते हुए आज शिफाली का अंतिम संस्कार नहीं किया और न ही पुलिस को पोस्टमार्टम करवाने दिया। शिफाली की मौत ने जहां इंसानियत को शर्मसार करके रख दिया है वहीं ससुरालियों द्वारा आज भी बेटी रुपी बहुओं को प्रताडि़त करने की परतें उधेड़ कर रख दी हैं। शिफाली के परिवार के साथ आज पूरा शहर खड़ा है, परन्तु मामने में पुलिस द्वारा बरती जा रही ढील एवं दिखावे की सख्ती के चलते लोगों का रोष बढ़ता जा रहा है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में शिफाली के ससुराल से जुड़े एक व्यक्ति को उठाया था, परन्तु मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताए जा रहे हैं। जिसके चलते कानून व्यवस्था पर कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं वहीं पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर भी पीडि़त परिवार खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है, क्योंकि बेटियों व बहुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कानून तो बहुत सारे हैं मगर, आज शिफाली को इंसाफ दिलाने के नाम पर केवल खानापूर्ति तक ही सारी कार्रवाई को सीमित रखा जा रहा है प्रतीत हो रहा है। 

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सूचना मिलने के बावजूद आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई पुलिस

हालांकि पुलिस पर बढ़ते शहर निवासियों के रोष के दवाब को देखते हुए पुलिस द्वारा छापामारी तेज कर दी है, परन्तु आरोपियों द्वारा प्रयोग किया जा रहा राजनीतिक व पहुंच का दवाब कहीं न कहीं पुलिस को उन तक पहुंचने में रुकावट जरुर बनता दिख रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आरोपी शहर में ही घूमते देखे गए, लेकिन इससे पहले की पुलिस उन तक पहुंच पाती वे वहां से फरार होने में कामयाब हो गए और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। जिसके चलते शिफाली के पारिवारिक सदस्यों एवं उनसे जुड़े अन्य लोगों का रोष बढ़ता जा रहा है।

जान जाने के बाद भी तड़प रही ‘शिफाली’

शिफाली की जिंदगी भले ही बचपन में मां-बाप की छाया में एक रानी की तरह व्यतीत हुई हो, परन्तु शादी के बाद उसने जो नरक भोगा उससे शिफाली को जान देने के बाद भी सकून नहीं मिल रहा। उसका शव इंसाफ की आस में संस्कार किए जाने को तरस रहा है तथा जीते जी जिस कानून से उसे इंसाफ न मिला आज उसका शव कानून के आगे हाथ पसारे पुलिस की मजबूरी को कोस रहा है। पीडि़ता के पारिवारिक सदस्यों और उनके जुड़े लोगों सहित शिफाली के मामले से आहत हुए लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर पुलिस ने आरोपियों को सलाखों के पीछे न किया तो शिफाली का शव थाने के समक्ष रखकर रोष व्यक्त किया जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी पुलिस की होगी।

इसको निकाल दो बाकियों को टांग दो

शिफाली आत्महत्या मामले में पुलिस ने भले ही पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरु कर दी हो, परन्तु सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस मामले में एक नेता जी का नाम भी जुड़ रहा था, जिसे बचाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया गया तथा यहां तक कि यह भी सुनने को मिल रहा है कि बचाने वालों के बोल थे कि इसको निकाल दो बाकियों को टांग दो, यह तो बेगुनाह है। हालांकि पुलिस ने सारी जांच के बाद ही उसका नाम मामले से नहीं जोड़ा, क्योंकि कई बार पुलिस के आगे कई प्रकार की समस्याएं भी खड़ी हो जाती हैं। विभागीय सूत्रों एवं राजनीतिक गालियारों में हो रही सुगबुगाहट इस मामले में पुलिस की ढीली कार्रवाई की तरफ बढ़ते दवाब की तरफ इशारा करता है। पता चला है कि पुलिस ने जिस व्यक्ति को निकाला है उसका राजनीतिक शुरु होने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में अगर उसका नाम इस मामले से जुड़ जाता तो फिर वही नहीं बल्कि उसके आकाओं के लिए भी कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो जाती। फिलहाल यह भी देखने को मिल रहा है कि पुलिस तो मामले में कार्रवाई करना चाहती है पर आरोपियों की राजनीतिक पहुंच का दवाब कहीं न कहीं पुलिस के हाथ बांधे खड़ा है।

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