चर्चा में नेताजी: अटका शहर का विकास, रिश्तेदार खरीदेगा सोसायटी तो लगाए जाएंगे टैंडर?

नगर निगम इन दिनों एक नए प्रकार के मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चाओं का रंग बंधा हुआ है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने हुए दो साल होने को हैं और इन दो सालों में विकास कार्यों की बात की जाए तो निगम में छोटे-छोटे टैंडर तो लगाए गए, मगर बड़े कार्यों के लिए टैंडर न लगाए जाने से शहर का विकास पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। अब चर्चित मामले की बात करें तो सरकार द्वारा 100 से अधिक कार्यों के टैंडर लगाए जाने को हरी झंडी दिखाई जाने के बावजूद नगर निगम में इनकी रफ्तार इतनी धीमी है कि अगर समय रहते यह टैंडर न लगाए गए तो आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता लगने के चलते यह और लटक सकते हैं तथा लोगों को विकास कार्यों के लिए और 6 माह तक इंतजार करना पड़ सकता है।

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लालाजी स्टैलर की राजनीतिक चुटकी

सूत्रों की मानें तो टैंडर लगाए जाने संबंधी अधिकारियों द्वारा सारी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं, मगर शहर के एक बड़े नेता जी के किसी करीबी रिश्तेदार के कारण सारा कार्य फाइलों की रौनक बना एक टेबल से दूसरे टेबल की खाक छान रहा है। बता दें कि सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार नेता जी के करीबी द्वारा कोई सोसायटी खरीदी जानी है तथा जब तक वे सोसायाटी नहीं खरीद लेते और टैंडर लगाने में उनका हिस्सा पक्का नहीं हो जाता, तब तक टैंडर लगने का कार्य अटका ही रहेगा। टैंडर लगने का इंतजार कर रहे अन्य ठेकेदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया दो साल से वे पहले ही बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं तथा अब अगर काम खुलने की आस बंधी तो नेता जी के करीबी के कारण सारा काम लटक रहा है।

इसके चलते सभी के मनों में काफी रोष है। इससे जहां उनका नुकसान हो रहा है वहीं शहर का विकास न होने के कारण जनता को भी कई प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। इसलिए अधिकारियों को चाहिए कि वे बिना किसी इंतजार एवं देरी के टैंडर लगाने की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाएं और शहर के विकास को गति दें। नेता जी की बात करें तो वे इतने बड़े नेता हैं कि उन्हें अपनी और अपनों की चिंता के चलते शहर का विकास देखना जरुरी ही नहीं समझ रहे। इतना ही नहीं विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार नेता जी ठेकेदारों की बैठक करके उन्हें इशारों ही इशारों में चेतावनी भी दे चुके हैं कि अगर उनके हिसाब से न चले तो अंजाम… आगे आप खुद समझदार हैं। अब आप खुद ही अंजादा लगा सकते हैं कि सत्ता पक्ष और विपक्ष की खींचतान ही नहीं बल्कि नेता जी के पर्सनल इंटर्स के कारण भी विकास कार्य काफी प्रभावित हैं, जिनका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

हालांकि इसमें भी कोई दो राय नहीं कि नेता जी को शहर के विकास की चिंता तो बहुत है तथा वे करना भी बहुत कुछ चाहते हैं, मगर न जाने क्यों???

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