शिवालिक की पहाडिय़ों में अवैध खनन बन सकता है कुदरती आफत का कारण: लोकतांत्रिक अधिकार सभा पंजाब

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Report By:- Rajesh Rattu, Mukerian
होशियारपुर। होशियारपुर की तहसील मुकेरियां में लोकतांत्रिक अधिकार सभा पंजाब ने शिवालिक की पहाडिय़ों के पैरों तले हो रहे गैर कानूनी खनन की रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट जारी करते सभा के प्रदेश प्रधान प्रो. ए.के. मलेरी, प्रदेश संगठन सचिव नरभिंदर, प्रदेश कमेटी मैंबर प्रितपाल सिंह ने बताया कि हाजीपुर इलाके में हो रही अवैध खनन, गैर कुदरती, कुरतरी स्रोतों के साथ छेड़छाड़ और आप्रिय घटनाओं को बुलाया दे रहे है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर खनन 60 से 80 फुट गहरा हो गया है जिसके चलते किसी भी समय भयानक हादसा हो सकता है।

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यह खनन गहरी खुदाई पत्थर निकालने पत्थरों को क्रैशर से तोडऩे और बजरी बनाने के रुप में किया जा रहा है जिससे इस क्षेत्र का जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। जो सडक़े हलके वाहनों के लिए बनी है उन पर भारी भरकम चलाकर सडक़ों की हालत पूरी तरह से खस्ता बना दी गई है। जिसके चलते आम लोगों का सडक़ पर चलना दूभर बना हुआ है। इतना ही नहीं पानी तथा बिजली की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। एक अनुमान के अनुसार हर वर्ष करीब 10 हजार करोड़ रुपए का सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि खेती से जुड़ी किसानों का रोजगार पुरी तरह से खत्म होने की कगार पर है क्योंकि खनन माफिया सस्ते भाव जमीने लेकर नियमों से विपरीत खनन करके जमीन को खराब कर रहा है और जिसके माध्यम से खनन माफिया द्वारा की जा रही टैक्स की चोरी से भी सरकारी खजाने को चपत लग रही है। अवैध खनन से जहां मानवीय जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। वहीं पर्यावरण एवं जंगली जीव भी बुरी तरह से प्रभावित है।

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा रेत के खनन की निलामी संबंधी रिकार्ड तो वैबसाईट पर उपलब्ध है पर बजरी तथा पत्थर खनन का रिकार्ड उस पर नहीं है। कहने को तो क्रैशर मालिक हिमाचल से पत्थर लाने का दावा करते है परंतु जमीनी स्तर पर यह सरासर झूठ है। अवैध खनन के खिलाफ जब लोगों ने अवाज उठाई तो माफिया के गुड्डे लोगों को डराने धमकाने लगते है और लोगों को झूठे केसों में फंसाया जा रहा है। सभा के मांग की कि अवैध खनन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाए तथा अवैध खनन की शिकायते किए जाने के बावजूद भी कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाए और प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार खनन पालिसी को पारदर्शी बनाया जाए और जनता की सुनवाई करके लगभग 90 फीसदी सहमति के बिना खनन की आज्ञा न दी जाए। इस अवसर पर पड़ताल कमेटी के मैंबर सभा प्रधान डा. चमन लाल वशिष्ट, सचिव डा. तेजपाल, धरमिंदर सिंह, दीपक ठाकुर, सुखविंदर सिंह, राजवंत कौर, शमशेर सिंह, केसर सिंह, विश्म्बर दास, मास्टर ज्ञान सिंह, शिव कुमार, अमरजीत सिंह आदि भी मौजूद थे।

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