श्री राम कथामृत के चौधे दिन खेली गई पुष्प होली, श्रीराम व माता सीता की झांकी रही आकर्षण का केंद्र

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: डा.ममता। श्री भगवान परशुराम सेना द्वारा केशो मंदिर होशियारपुर में सात दिवसीय श्री राम कथामृत के चौथे दिन का भव्य आयोजन जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सहयोग से किया गया। श्री राम कथामृत के चौथे दिन मुख्य यजमान जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, वनीता शर्मा, मृधु शर्मा, नक्ष शर्मा थे।

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-भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना ने लगवाई हाजरी

जबकि ज्योति प्रज्जवलित करने की रस्म भाजपा के राष्ट्रीय उपप्रधान व चेयरमैन रैड क्रास सोसायटी अविनाश राय खन्ना, समाज सेवक विजय अरोड़ा, श्री राजपूत करणी सेना के महासचिव विनोद ठाकुर, भाजपा नेता डा. रमन घई, पार्षद नीति तलवाड़, चीफ पैट्रन अजय ऐरी, स्वामी सज्जानानंद जी, साध्वी रूक्मणि भारती, डा. कमल चौधरी, वरूण वर्मा, विजय लक्ष्मी, सरोज देवी, सुरिंदर कुमार बीटन ने निभाई। भगवान श्री परशुराम सेना के जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा के जन्मदिवस पर सभी लोगों ने उन्हें बधाई दी व उनकी दीर्घ आयु की कामना की। इस दौरान आशुतोष शर्मा ने श्री रामकथामृत करवाने के लिए मिले शहर निवासियों के सहयोग व प्यार के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे आयोजनों में सहयोग की आशा जताई।

इस दौरान फूलों संग होली भी खेली गई। श्री राम कथा दौरान फूलों की होली में भगवान राम और सीता की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। श्री राम कथा के चौथे दिन साध्वी गरिमा भारती ने सीता स्वयंवर प्रसंग सुनाकर सभी भक्तों को भाव विभोर कर दिया। कथा प्रसंग में साध्वी जी ने कहा कि प्रभु श्री राम जब स्वयंवर में पहुँचें तो महाराज जनक की शर्त के अनुसार प्रभु ने धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई और उसे तोड़ दिया। प्रभु की प्रत्येक लीला के पीछे कोई न कोई अध्यात्मिक रहस्य निहित होता है और यह लीला भी हमें संदेश देती है। धनुष अहंकार का प्रतीक है। साध्वी जी ने कहा कि प्रभु श्री राम जी बताना चाह रहें हैं कि जब तक आपके अंत:करण में अहंकार के मेघ है तब तक राम और सीता का मिलन संभव नहीं हो सकता।

श्री राम जी का भाव परमात्मा और सीता जी का भाव आत्मा, इसलिए जीवात्मा के घर में आत्मा व परमात्मा का मिलन तभी संभव है, जब अहंकार के बादल छट जाए। भक्ति मार्ग में सबसे बड़ी बाधा अहंकार है। साध्वी जी ने बताया धनुष टूटने के बाद भगवान परशुराम जी का आगमन हुआ। उन्होंने मन की आंखों से प्रभु श्री राम जी का अवलोकन किया। उन्हें यह समझते देर न लगी कि साक्षात भगवान ने इस धरा पर अवतार लिया है। यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है। हम भी ईश्वर को चर्म चक्षुओं से ढ़ूँढ़ते हैं, लेकिन इन आँखों से तो संसार की परख तो कर नहीं सकते, भगवान का दर्शन कैसे करेंगें, वह तो इंद्रियातीत है उसे दिव्य दृष्टि के माध्यम से ही जान सकते हैं।

-आशुतोष शर्मा ने श्री राम कथा में मिले सहयोग के लिए जताया शहर निवासियों का आभार

इस दौरान साध्वियों द्वारा भगवान श्री परशुराम जी के भजन सुना कर लोगों को मंत्रमुग्ध किया गया। अंत में प्रभु की पावन आरती की गई जिसमें साध्वी रूक्मणि भारती, साध्वी राजविंदर भारती, साध्वी शिप्रा भारती, साध्वी धर्मा भारती, भाजपा नेता संजीव तलवाड़, डा. कमल चौधरी, प्रो.पूजा विशष्ट, कुमकुम सूद, नीलम भारद्वाज राजन नागी, दीपक पराशर, के.सी.शर्मा, अरङ्क्षवद, अश्विन शर्मा, अश्वनी छोटा, पवन कुमार मेहता, मनोज शर्मा, अजय चोपड़ा, मुकेश डडवाल, पवन पसान, रविंदर अग्रवाल, अजय चोपड़ा, प्रदीप, प्रिंस शर्मा, प्रियंका, श्री भगवान परशुराम सेना व हिंदू संघ के पदाधिकारी मौजूद थे। भगवान श्री परशुराम सेना की तरफ से चौथे दिन भी श्रद्धालुओं के लिए लंगर का आयोजन किया गया। लंगर की सेवा प्रिंस शर्मा शाम चौरासी, रितनेश कुमार, राजा, राजेश नागी, दीपक नागी द्वारा की गई।

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