मंदिर प्रशासन ने शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों से प्रमाण पत्र मांग अपनी छोटी मानसिकता की दी उदाहरण : सैनी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। सैनी जागृति मंच पंजाब के संस्थापक संदीप सैनी एवं प्रधान सरदार कुलवंत सिंह सैनी ने एक संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति में कहबा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर प्रशासन द्वारा मंदिर लिफ्ट का प्रयोग करने वाले विकलांगों से विकलांगता का पहचान पत्र दिखाने के जो आदेश जारी किए हैं। उसकी सख्त शब्दों में निंदा की जाती है उक्त नेताओं ने कहा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर सभी की आस्था का केंद्र हैं और प्रशासन का यह कर्तव्य बनता है कि वह वहां पर यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को हर सुख सुविधा मुहैया कराएं मगर आए दिन प्रशासन अपनी घटिया कारगुजारियों एवं तानाशाही फरमानो से यात्रियों को सुख सुविधाएं देने की बजाय उनकी परेशानियों में बढ़ोतरी करने में ही अपनी शान समझता हैं।

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उन्होंने कहा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर मैं जो लिस्ट विकलांगों बुजुर्गों एवं बच्चों के लिए लगाई गई है वह ज्यादातर कर्मचारियों को चढ़ावा न चढ़ाने के कारण खराब ही रहती है। मगर जब कोई वहां तैनात कर्मचारियों की जेबे गर्म कर देता है तो लिफ्ट अपने आप ठीक हो कर कार्य शुरु कर देती है। मंदिर प्रशासन को विकलांगों से प्रमाण पत्र मांगने से पहले वहां तैनात अपने कर्मचारियों को इमानदारी का पाठ सिखाना चाहिए और उनको सख्त निर्देश देने चाहिए कि अगर कोई विकलांग वृद्ध या भीड़ ज्यादा होने की वजह से छोटे-छोटे बच्चों को परेशानी हो रही हो तो वह पहल के आधार पर मंदिर की लिफ्ट का उपयोग कर सकें और यात्रियों के सुख सुविधा के लिए लिफ्टों की संख्या बढ़ाने की तरफ भी ध्यान देना चाहिए उक्त नेताओं ने कहा कि महामाई के भक्त महामाई के चरणों में जो चढ़ावा चढ़ाते हैं। मंदिर की डबल मैंट के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्रयोग होना चाहिए न कि सरकारी खजाने भरने और सरकारी कर्मचारियों की वेतनों के लिए है।

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