मुलाजिमों के लिए गले की फांस बना महिला दरोगा का फरमान

इन दिनों होशियारपुर पुलिस में कार्यरत एक महिला दरोगा द्वारा जारी किया गया फरमान मुलाजिमों के गले की फांस बना हुआ है। फरमान भी ऐसा जिसे पूरा करने के लिए मुलाजिमों को विभाग की ड्यूटी के साथ-साथ मैडम जी के फरमान को भी पूरा करने के लिए जल्दी आना और देर से घर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। मैडम जी का फरमान इन दिनों काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। विश्वसनीय सूत्रों की माने तो होशियारपुर पुलिस में कुछ दिन पहले ही तैनात हुई एक महिला दरोगा जी जोकि किसी अन्य शहर से आती हैं ने रोजाना उन्हें घर से लाने और वापस छोडऩे का फरमान जारी कर रखा है। ऐसा न करने पर अंजाम भुगतने को तैयार रहने की चेतावनी भी दे रखी है। जिसके चलते उनके अधीन कार्य करने वाले चुप्पी साधे रखने में ही भलाई समझे हुए हैं।

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सूत्रों के अनुसार दगोरा मैडम के गुस्से का शिकार होने से बचने के लिए रोजाना एक कर्मी उन्हें लेने और छोडऩे जाता है, जबकि नियमानुसार कोई भी अधिकारी अपना हैडक्वार्टर नहीं छोड़ सकता। किन्हीं विशेष कारणों में अपने सीनियर की अनुमति से ही ऐसा संभव हो सकता है। मगर इसके लिए अधिकारी को अपने स्तर पर व्यवस्था करनी होती है। मगर महिला दरोगा जी द्वारा जारी फरमान पुलिस विभाग में बैठी काली भेड़ों जोकि अपनी पहुंच एवं पद का दुरुपयोग करते हुए जनता की सेवा कम और अपनी सेवा ज्यादा करवाने में मस्त रहते हैं जैसी कुव्यवस्था की तरफ इशारा करता है, जिसके चलते पुलिस-पब्लिक में बेहतर संबंध कायम करने वाले उच्चाधिकारियों की कोशिशें सफल होने से पहले ही दम तोड़ देती हैं। वैसे भी अब तो चुनाव का समय चल रहा है और आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है और जिला एवं पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।

सूत्रों की माने तो पहले कुछ दिन यह बात इसलिए भी दबी रही कि सभी ने सोचा कि यह आदेश 2-4 दिन के लिए होगा तथा बाद में सब नार्मल हो जाएगा। मगर, धीरे-धीरे सभी फरमान से तंग आने लगे और अपने पारिवारिक रुझानों के चलते उनके लिए यह फरमान पूरा कर पाना दूभर बनने लगा। जिस कारण इस फरमान की भांप उठने लगी और चर्चा हो गई। अभी तो यह स्पष्ट तौर से नहीं कहा जा सकता कि यह फरमान कितने दिन और चलता है, मगर जब तक इसका कोई स्थायी हल नहीं निकाल जाता तब तक तुगलकी फरमान मुलाजिमों की जान का दुश्मन बना रहेगा। अब देखना यह होगा कि क्या कोई अधिकारी इसका संज्ञान लेते हुए किस प्रकार की व्यवस्था बनाने हेतु फरमान को निरस्त करने के लिए और फरमान जारी करता है।

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