हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा देश के चुनिंदा वर्ग के लोगों के खाते में छ: हज़ार रुपए से लेकर 72 हज़ार रुपए डालने के प्रलोभन की शिकायत अब माननीय राष्ट्रपति, चीफ़ जस्टिस व मुख्य चुनाव आयुक्त तक पहुंच गई है। टैक्स पेयर एसोसिएशन ने शिकायत में कहा है कि जो धन देश के विकास एवं सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत करने के लिए टैक्स के रूप में अदा किया जा रहा है, राजनीतिक दल उस पैसे का प्रयोग राजनीतिक घोषणाएं कर मतदाताओं को बरगलाने के लिए नहीं कर सकते। टैक्स पेयर एसोसिएशन ने राष्ट्रपति, चीफ़ जस्टिस व मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजकर ऐसी घोषणाओं पर प्रतिबंध लगाने की माँग की है। जिसमें चुनावों से पूर्व राजनीतिक दल नागरिकों के खाते में सालाना राशि जमा कर उन्हें लालच दे रहे हैं । टैक्स पेयर एसोसिएशन का मानना है कि भारत की अर्थ व्यवस्था पहले से ही 82 लाख करोड़ रुपए के विदेशी कर्ज़़ से खऱाब हुई पड़ी है ।
यह स्थिति तब और भी दु:खदायी बन जाती है जब राजनीतिक दल गऱीब परिवारों को रोजग़ार देने की जगह उनके खातों में वार्षिक धनराशि देने की राजनीतिक घोषणाएं कर रहे हैं । गुजरात राज्य की विदर्भा टैक्स पेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जेपी शर्मा तथा महासचिव तेजिंदर सिंह रेणु ने हमारे प्रतिनिधि रजनीश शर्मा को फोन पर हुई बात पर स्पष्ट किया कि देश के ईमानदार टैक्स अदा करने वाले लोग राजनीतिक दलों की ऐसी घोषणाओं से आहत है क्योंकि सरकारी खज़़ाने में जमा टैक्स का पैसा देश की सुरक्षा व विकास पर ही ख़र्च होना चाहिए । जेपी शर्मा ने बताया कि हाल ही में एक राजनीतिक दल द्वारा सरकार बनाने पर देश के पाँच करोड़ परिवारों के खातों में वार्षिक 72 हज़ार रुपए डालने की घोषणा करना मतदाताओं को बरगलाने से कम नहीं है ।
उन्होंने बताया कि यह कुल राशि 3 लाख 60 हज़ार करोड़ रुपए बनती है जो भारत के वार्षिक रक्षा बजट के बराबर है । जे.पी. शर्मा ने देश के अन्य राज्यों की टैक्स पेयर एसोसिएशनस को भी माननीय राष्ट्रपति, चीफ़ जस्टिस व मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिख देश के धन को देश के विकास में लगाना सुनिश्चित करने की अपील की है । उन्होंने कहा कि इस पहल का हिमाचल, पंजाब हरियाणा सहित देश भर के अन्य राज्यों से उन्हें समर्थन मिला है ।