किसान कृषि के साथ सहायक धंधे अपनाकर करें आय में वृद्धि: स्वतंत्र कुमार ऐरी

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। कृषि विभाग होशियारपुर की ओर से आत्मा योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय किसान प्रशिक्षण कैंप व आत्मा कृषि प्रदर्शनी कृषि भवन में लगाई गई। समागम में मुख्य मेहमान के तौर पर डायरेक्टर कृषि व किसान भलाई विभाग डा. स्वतंत्र कुमार ऐरी ने शिरकत की। कैंप में कृषि विभाग पंजाब के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों संबंधी परिचित करवाया। इस कैंप में जिले के अलग-अलग गांवों से दो हजार से अधिक किसानों ने भाग लिया।

Advertisements

किसानों को संबोधित करते हुए डा. स्वतंत्र कुमार ऐरी ने किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए सहायक धंधे अपनने के लिए आत्मा योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसान पानी के जल स्तर व गिरते जल स्तर को संभालने के लिए पंजाब सरकार के कृषि विविधना प्रोग्राम के अंतर्गत धान का रकबा कम कर मक्की, बासमती, दालों व एग्रीफोरेस्टरी के अंतर्गत रकबा बढ़ाएं। उन्होंने किसानों को अपील की कि रात के समय गेहूं की कटाई न करें और सूखा व साफ गेहूं ही मंडियों में लाया जाए। इससे पहले डा. ऐरी ने विभिन्न सैल्फ हैल्प ग्रुपों की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी भी देखी।

 ग्रुप, सोसायटी व एफ..पी.ओ. बना कर कृषि करना किसानों के लिए लाभप्रद: डा. बलजिंदर

कृषि विभाग के संयुक्त डायरेक्टर (घनी कृषि) डा. बलजिंदर सिंह बराड़ ने कहा कि कृषि इनपुट की मानक क्वालिटी किसानों तक पहुंचाने के लिए इन इनपुट्स के समय-समय पर विभाग की ओर से सैंपल भरे जाएंगे। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे गेहूं की नाड़ को आग न लगाएं ताकि वातावरण प्रदूषित होने से बच सके। उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि आज के कृषि युग में किसानों को ग्रुपों, सोसायटियों, फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन(एफ.पी.ओ.) बना कर कृषि करनी चाहिए ताकि वे कृषि की महंगी आधुनिक मशीनों की खरीद व अपनी फसलों का मंडीकरण कर सकें। उन्होंने कहा कि इस तरह कृषि किसानों के लिए लाभप्रद साबित होगी।

कैंप को संबोधित करते हुए मुख्य कृषि अधिकारी डा. विनय कुमार ने कृषि विभाग की गतिविधियों के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे फसलों के अवशेषों के योज्य प्रबंधन के लिए कृषि व किसान भलाई विभाग की ओर से मुहैया करवाई गई कृषि मशीनों का पूरा लाभ उठाएं व किसान भूमि जांच के आधार पर प्राप्त किए भूमि स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार ही खादों का प्रयोग करें। उन्होंने विशेष तौर पर किसानों को धान की बिजाई 20 जून के बाद करने की सिफारिश करने के साथ-साथ धान की सीधी बिजाई करने के तरीके भी बताए ताकि जिले में पानी का सही प्रयोग किया जा सके। उन्होंने विभाग की ओर से चलाई जा रही अलग-अलग योजनाओं जैसे डायवरसीफिकेशन, एन.एफ.एस.एम. व आत्मा योजना से किसानों को मिल रहे लाभों संबंधी जानकारी दी। कैंप के अंत में मंच संचालक कृषि अधिकारी भूंगा सरविंदर सिंह ने किसानों व आए मेहमानों का कैंप में आने पर धन्यवाद भी किया। इस मौके पर विभाग के अधिकारियों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से आए किसान भी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here