होशियारपुर/हरियाना (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: संदीप डोगरा/प्रीति पराशर। अपनी कार्यप्रणाली को लेकर अकसर सुर्खियों में रहने वाली नगर कौंसिल हरियाना की अतिक्रमण हटाने को लेकर अपनाई गई नीति एक बार फिर से चर्चा में है, क्योंकि नगर प्रशासन को गरीबों द्वारा किए अतिक्रमण तो दिख गए, मगर न जाने क्यों कौंसिल कार्यालय के समीप एक पार्षद द्वारा किया अतिक्रमण उन्हें दिखाई नहीं देता। गरीबों पर डंडा डलाने उपरांत भेदभावपूर्ण हुई कार्रवाई का जब लोगों ने विरोध जताया तो अधिकारियों ने इस सरकारी ड्यूटी में खलल डालने की बात कहते हुए लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत तक दे डाली। मगर, मुख्य सडक़ से एकदम मोड़ पर किए अतिक्रमण को हटाना जरुरी नहीं समझा गया। इस संबंधी ई.ओ. रमेश कुमार से बात की गई तो पहले तो वह बात करते रहे, मगर जब पार्षद द्वारा किए कब्जे संबंधी सवाल पूछा गया तो उन्होंने बैठक में होने की बात कहते हुए फोन काट दिया। अब इससे साफ अंजादा लगाया जा सकता है कि कौंसिल द्वारा की गई कार्यवाही पूरी तरह से भेदभावपूर्ण रही और इसके चलते ही लोगों का गुस्सा भडक़ा।
जानकारी अनुसार ई.ओ. नगर कौंसिल हरियाना के निर्देशों पर कौंसिल की टीम पुलिस के सहयोग से दुकानदारों द्वारा किए अतिक्रमण को हटाने के लिए निकली। इस दौरान उन्होंने मुख्य मार्ग के अलावा कमेटी बाजार तथा ढोलवाहा मार्ग पर कार्यवाही को अंजाम देते हुए वहां से दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण करके रखा गया सामान हटवाया वहीं अवैध खोखे एवं रेहड़ी वालों को भी हटाया गया। इसी बीच जब टीम बस स्टैंड हरियाना के समीप पहुंची तो उसने अपनी कार्यवाही को अंजाम देना शुरु कर दिया। टीम द्वारा बाजार में सभी का सामान हटाया जा रहा था, मगर बस स्टैंड से पहाड़ी गेट की तरफ मुख्य मोड़ पर स्थित पार्षद शशी कुमार की दुकान की तरफ किसी ने मुंह नहीं किया, जबकि मोड़ पर सबसे अधिक अतिक्रमण उनके द्वारा ही किया गया है। इसी दौरान टीम ने जब एक सब्जी की फड़ी को हटाने का प्रयास किया तो भेदभापूर्ण कार्यवाही को देखते हुए लोगों का गुस्सा भडक़ उठा और उन्होंने कौंसिल की कार्यवाही का विरोध करना शुरु कर दिया। इस बीच कि बात को सुलझाया जाता तब तक भीड़ में से कुछ लोगों ने टीम पर हमला बोल दिया और टीम को वहां से भागना पड़ा। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
लोगों का कहना था कि अगर कौंसिल सच में अतिक्रमण एवं अवैध कब्जे हटाना चाहती है तो सभी के साथ एक जैसा व्यवहार करे। परन्तु कौंसिल द्वारा की जा रही कार्यवाही पूरी तरह से भेदभावपूर्ण है और उसे पार्षद का कब्जा दिखाई नहीं देता। जबकि जहां पर उक्त पार्षद की दुकान है वह बहुत ही व्यस्तत्म मोड़ है और वहां पर हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। लोगों को मुख्य सडक़ से मोड़ मुडऩे में सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। मगर सब कुछ देखते हुए भी कार्यवाही नहीं की जा रही, बल्कि गरीब लोगों से उनका रोजगार छीना जा रहा है। जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ पता चला है कि कौंसिल की तरफ से लोगों द्वारा विरोध स्वरुप की गई गुंडागर्दी को लेकर पुलिस में कार्रवाई हेतु शिकायत दी गई है।