सतगुरु इंसान का नाता परमात्मा से जोड़ कर जीवन सुखी बना देता है : महात्मा सुलेख

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: जतिंदर प्रिँस। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन असलामाबाद होशियारपुर में मुखी बहन सुभदरा देवी के नेतृत्व में संत समागम का आयोजन किया गया। इस दौरान संत निरंकारी मंडल द्वारा बनाए गए विशेष टूर के दौरान केन्द्रीय प्रचारक सुलेख साथी विशेष तौर पर पहुंचे। उन्होंने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का संगतों को आर्शीवाद देते हुए कहा कि इंसानी जीवन बहुत ही बहुमूल्य है, इस जीवन में यदि इंसान को पूर्ण सतगुरु मिल जाए तो वह चौरासी लाख योनियों के जन्म मरण के दुख से बच सकता है। सतगुरु इंसान पर तरस करके इसके जीवन में ब्रह्मज्ञान की बहुमूल्य दात बख्श देता है तथा जीवन जीने की सही कला सिखा देता है।

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सतगुरु इंसान का नाता परमात्मा से जोड़ कर जीवन सुखी व आसान बना देता है, फिर गुरसिख का भी यह फर्ज बन जाता है कि जिस सतगुरु की कृपा से यह ब्रह्मज्ञान मिला, मुक्ति का मार्ग मिला, एेसे सतगुरु के आदेशों को माने तथा इसका गुणगान करें। गुरसिख हमेशा ही अपने गुरु की कृपा, प्यार, दया तथा बख्शीशों का गुणगान दुनिया में करता है। केवल बातों से ही नहीं बल्कि कर्म रूप में गुरु के संदेशों को दुनिया तक पहुंचाने का यत्न करता है। सतगुरु ने जो जीवन में प्यार, विनम्रता, सहनशीलता, अच्छे आचरण तथा भक्ति का जो मार्ग सिखाया है, उस मार्ग पर गुरसिख खुद चलकर दुनिया को अपने गुरु की चर्चा करता है।

गुरुसिख के जीवन में नफरत, निंदा, ईष्र्या तथा वहमों भ्रमों का कोई स्थान नहीं होता। गुरसिख वहीं बात करता है जो गुरु को पसंद होती है तथा वहीं बात सुनता है जो गुरु सुनना पसंद करता है। गुरसिख हमेशा चेतन होकर चलता है तथा गुरु के वचनों को हमेशा मानने को तैयार रहता है। गुरसिख कभी भी अपने जीवन में माया को अहमियत नहीं देता। हमेशा निरंकार, सत्संग, सेवा सिमरन को ही प्राथमिकता देता है। इस प्रचार यात्रा के दौरान महात्मा सुलेख साथी के साथ बहन चरणजीत व भाई साहिब नीटू उनके साथ थे। अंत में मुखी बहन सुभदरा देवी ने केन्द्रीय प्रचारक महात्मा सुलेख साथी का धन्यवाद किया।

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