बिजनेस फर्स्ट पोर्टल के अंतर्गत निवेशकों को नहीं आने दी जाएगी कोई दिक्कत: जिलाधीश

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार की ओर से उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरु किए गए बिजनेस फस्र्ट पोर्टल को जहां निवेशक ने काफी सराह रहे है वहीं जिला प्रशासन की ओर से भी निवेशकों की हर समस्या के निवारण के लिए विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट हिदायत दे दी गई है। जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कमेटी की चेयरपर्सन-कम-जिलाधीश ईशा कालिया ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से इंडस्ट्रीयल एंड बिजनेस डेवलेपमैंट पालिसी 2017 के अंतर्गत 10 करोड़ रुपये तक के सूक्ष्म लघु व मध्यम लघु औद्योगिक यूनिट(एम.एस.एम.ई) स्थापित करने संबंधी अधिकार जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी को दे दिए गए हैं।

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– सूक्ष्म लघु व मध्यम लघु औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी के पास अधिकार 1 करोड़ से बढक़र हुआ 10 करोड़ रुपये

पहले जिला स्तरीय कमेटी की ओर से 1 करोड़ रु पये तक के औद्योगिक यूनिट स्थापित करने के लिए एक छत के नीचे सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही थी। उन्होंने कहा कि बिजनेस फस्र्ट पोर्टल के अंतर्गत किसी भी निवेशक को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।जिलाधीश ईशा कालिया ने बताया कि उन्होंने कहा कि बिजनेस फस्र्ट पोर्टल के अंतर्गत सिंगल विंडों सिस्टम के माध्यम से अब तक जिले में काफी निवेशकों ने अपनी रुचि दिखाई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को प्रोत्साहित कर उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के प्रति जागरुक करें।

– कहा, हर माह की 10 तारीख को पेंडिंग केसों संबंधी होगी बैठक, संबंधित विभाग को बताना होगा क्लीयरेंस में क्यों हुई देरी

उन्होंने कहा कि हर माह की 10 तारीख को बिजनेस पोर्टस के पेंडिग केसों का रिव्यू करने के लिए बैठक की जाएगी। इस बैठक में संबंधित निवेशक व जिन विभागों की ओर से क्लीयरेंस संबंधी देरी की है, उन्हें बुलाया जाएगा ताकि पता चल सके कि क्लीयरेंस में देरी क्यों हुई? उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से निवेशकों को जागरु क भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिजनेस फस्र्ट पोर्टल के द्वारा निवेशक अपनी इकाई को रजिस्टर करने के लिए और उपलब्ध सुविधाएं लेने के लिए स्वयं अप्लाई कर सकता है और उसको समूचि क्लीयरेंस ऑनलाइन ही दी जाएगी। इसके अलावा इस पोर्टल में ऑनलाइन फीसों के भुगतान, तीसरी पक्ष की वैरीफिकेशन और एप्लीकेशन ट्रेकिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

ईशा कालिया ने कहा कि यह पोर्टल निवेश के लिए पारदर्शी, एकीकृत और एक ही जगह पर हरेक व्यवस्था करने वाला है। यह समयबद्ध तरीकों से सेवाएं प्रदान करेगा। बिजनेस फस्र्ट से काम का आसानी से पता लगाया जा सकेगा और निगरानी रखी जा सकेगी। इसलिए एस.एम.एस. और ई -मेल की सूचना के अलावा सर्टिफिकेट/लाईसेंस डिजिटल तौर पर जारी किए जा सकेंगे। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनके विभाग की ओर से क्लीयरेंस को लेकर किसी तरह की पेंडेंसी न रखी जाए। इस मौके पर जी.एम इंडस्ट्री अमरजीत सिंह, फंक्शनल मैनेजर अरु ण कुमार के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी व निवेशक भी मौजूद थे।

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