हमीरपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। हमीरपुर जिले में समाज का एक बड़ा तबका युवा वर्ग नशे का आदी हो रहा है। नशे का असर अब छोटे कस्बों में तेजी से दिखाई देने लगा है। हमीरपुर में गांजा, चरस, चिट्टा, भुक्की, अफ़ीम व अन्य मादक पदार्थों के अलावा युवा वर्ग शराब का नशा तेजी से उपयोग कर अपना जीवन बर्बाद कर रहे है। इससे उनका मानसिक संतुलन खराब हो रहा है और वे मानसिक रोगियों की तरह अपना जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हो गए है। हमीरपुर जिले में ही पिछले 8 माह में नशे के कारोबार में शामिल 52 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सफेदपोश रईस परिवारों का गोरखधंधा
नशे के इस गोरखधंधे में कई सफेदपोश रईस परिवारों के युवा राजनीतिक पहुँच के चलते युवाओं को नशे के गर्त में धकेल रहे हैं। हमीरपुर के सलासी स्थित रॉयल होटल से पकड़े गये युवा रईस परिवारों से सम्बंधित हैं। कुछ प्रवासी परिवार जो काफ़ी सालों से हमीरपुर नगर में बड़ी मुश्किल से गुज़ारा करते थे, आज आलीशान गाडिय़ों में घूम रहे हैं। पुलिस की रडार पर ऐसे प्रवासी परिवारों के बच्चे भी हैं जो रातों रात लखपति बन महँगी गाडिय़ों में घूम रहे हैं।
नशा बेचने के लिए स्थान निश्चित
युवा वर्ग के लिए कुछ सफ़ेदपोश लोगों ने नशे का जहर बेचने के लिए स्थान निश्चित कर लिए हैं। हमीरपुर टौणी देवी मार्ग पर गरने द गलु, एनआईटी चौक, अणु चौक, हमीरपुर बराड़ बल्ह वाया प्रताप नगर, नाल्टी रोड पर मसियाना तथा बड़ू दरकोटी मार्ग पर अड्डे बने हुए हैं। पुलिस द्वारा छेड़े गये अभियान के बाद कई सफ़ेदपोश परिवारों के लाडले गिरफ्त में भी आए हैं। पुलिस रिमांड के दौरान इन आरोपियों द्वारा उगले नामों के बाद कई सफेदपोश रईस परिवारों के कान खड़े हो गये हैं।
नशे का असर
नशा युवाओं के दिलो दिमाग पर छा जाता है। इस प्रकार के नशे के आदि युवक पागलों की तरह हरकतें करने लगते है धीरे धीरे नशे की लत उन्हें किसी काम का नहीं छोड़ती उनके सोचने समझने की शक्ति कम हो जाती है। जब नशे की खुराक पूरी करने में पैसे की दिक्कत आए तो नशों का सेवन करने वाले युवक चोरियों जैसे संगीन अपराध करने से भी नहीं चूकते। हालात बिगड़ते देख पुलिस अब पंचायत स्तर पर नशे के खिलाफ जागरूकता कमेटियों का गठन कर रही है।
आठ माह में सात किलो पकड़ी चरस
अगर पिछले आठ माह की बात की जाए तो हमीरपुर जिले में कुल 7 किलोग्राम चरस सहित 16 मामले दर्ज हुए हैं। पुलिस ने 343 ग्राम चिट्टे के साथ 19 मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा एक मामला भुक्की तो एक अफ़ीम का नशा पकड़े जाने पर दर्ज किया गया। इस प्रकार एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत 8 माह में कुल 39 केस पंजीकृत हुए हैं जिसके अंतर्गत 52 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।