कम विस्थापन वाला बहुआयामी धौलासिद्ध प्रोजेक्ट निश्चित रूप से बनना चाहिए: धूमल

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। धौलासिद्ध प्रोजेक्ट का एम.ओ.यू साइन होने पर अपना ड्रीम प्रोजेक्ट साकार होने की सम्भावना पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल बहुत ख़ुश हैं। हमारे हमीरपुर ब्यूरो प्रमुख रजनीश शर्मा ने उनसे इस प्रोजेक्ट बारे संक्षिप्त बातचीत की जिसके अंश इस प्रकार से हैं।

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प्रश्न:- धूमल जी , हमीरपुर में धौलासिद्ध में विद्युत उत्पादन का सपना आपने कब देखा था तथा आपने इस बारे क्या प्रयास किए।
धूमल:- हमीरपुर ज़िला के धौलासिद्ध में व्यास नदी पर एक हाईडल प्रोजेक्ट बनाने के बारे सबसे पहले 2002 में विचार हुआ। इस बारे एक कमेटी बनाकर योजना की रूप रेखा तैयार की गयी। रिपोर्ट के मुताबिक़ धौलासिद्ध में 80 मेगावाट तक बिजली तैयार की जा सकती है तथा इस पर कऱीब 498 करोड़ रुपए अनुमानित ख़र्च होगा ।
प्रश्न:- इस प्रोजेक्ट को बनाने की ज़िम्मेदारी किसे सौंपी गई।
धूमल:- पहले इस प्रोजेक्ट को निजी क्षेत्र में कम्पनी से बनवाने का विचार हुआ लेकिन सरकार ने इसे बनाने के लिए इंटरनेशनल स्तर पर जल विद्युत परियोजनाएँ बनाने का अनुभव रखने वाले सतलुज जल विद्युत निगम को सौंप दिया गया।
प्रश्न:- धूमल जी , आपकी सरकार ने धौलासिद्ध प्रोजेक्ट को कहाँ तक पहुँचा दिया था ?
धूमल:- सरकार ने जून 2009 में प्रोजेक्ट एसजेवीएनएल को सौंपा था। जून 2011 में डीपीआर को सरकार से स्वीकृति मिल गई थी। मार्च 2012 में पहले चरण की फारेस्ट क्लीयरेंस मिल गई थी, दूसरे चरण की क्लीयरेंस के लिए कुछ शर्तें बची थीं। पर्यावरण मंत्रालय की कमेटी ने भी सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी, केवल आधिकारिक पत्र जारी होना शेष था । हमीरपुर में एसजेवीएनएल के भूमिअधिग्रहण तथा प्रोजेक्ट कार्यालय भी खोल दिए गये।
प्रश्न:- गत दिनों शिमला में इस प्रोजेक्ट को लेकर एसजेवीएनएल के साथ जयराम सरकार ने एमओयू
साइन कर लिया है। अब क्या उम्मीद है , सपना साकार होगा या सिर्फ़ एमओयू तक ही सीमित रहेगा ?
धूमल:- परियोजना को लेकर भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो गया है, प्रभावितों को मुआवज़ा मिलना शुरू हो चुका है। ऐसे में एमओयू साइन होने के बाद कम विस्थापन वाला बहुआयामी धौलासिद्ध प्रोजेक्ट निश्चित रूप से बनना चाहिए। सांसद के रूप में अनुराग ठाकुर भी लगातार धौलासिद्ध प्रोजेक्ट की बात केंद्र में उठाते रहे हैं। अगर एसजेवीएनएल आगामी साढ़े चार साल में प्रोजेक्ट को पूरा कर विद्युत उत्पादन शुरू करती है तो हमीरपुर , हिमाचल प्रदेश व देश के लिए यह गौरव की बात होगी।

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