गढ़शंकर (द स्टैलर न्यूज़)। सरकार से निराश होकर 1994 में भर्ती हुए अध्यापकों दुारा सीनियोरिटी का लाभ लेने के लिए माननीय अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला अध्यापकों की मीटिंग में किया गया। उकत मीटिंग गर्वनमेंट टीचर्ज युनियन के जिलाध्यक्ष सूरज प्रकाश की अध्यक्षता में हुई। सूरज प्रकाश व पवन कुमार ने बताया कि 1994 में पंजरब सरकार दुारा रेगूलर तौर पर अध्यापकों की नियुक्ति की थी। लेकिन बाद में सरकार ने रेगूलर नियुक्तियों को बदल कर एडहाक कर दियां था। जिसके बाद उन्में से अधिकांश अध्यापक सरकार दुारा तीन वर्ष बाद अध्यापकों के पद भरने दौरान दोबारा रेगूलर भर्ती हो गए। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने उन सभी अध्यापकों को 89 दिन की सेवा का आर्थिक व पैंशनरी लाभ तो दे दिया।
लेकिन सीनियोरिटी का लाभ नहीं दिया गया। जिसके चलते अधिकांश अध्यापक जो लैकचरार के पद पर पदोन्नत हो गए थे अव दोबारा उन्हें रिर्वट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए विभाग के अधिकारियों व सरकार से कर्ई बार आग्राह किा जा चुका है। लेकिन कोई भी इस और ध्यान नहीं दे रहा। उन्होंने बताया कि इसी के चलते अव 1994 में नियुक्त हुए अध्यापकों ने सीनियोरिटी का लाभ लेने के लिए माननीय अदालत का दरबाजा खटखटाने का फैसला किया है।
इसलिए 1994 में नियुक्त हुए जो अध्यापक सीनियोरिटी का लाभ लेने के र्कोट का दरवाजा खटखटाना चाहते है। वह सभी अध्यापक दो अक्तूबर को शहीद ऊधम सिंह पार्क में एक वजे की जा रही बैठक में शामिल अवश्य पहंचे ताकि सर्वसमिति से समूहिक फैसला लेकर अगली कार्रवाई की जा सकी। इस समय पवन शर्मा, सोहन लाल, अश्वनी कुमार, जसविंदर राणा, चूहड़ सिंह आदि मौजूद थे।