श्रीराम लीला कमेटी और अन्य संगठनों ने खोला मोर्चा, हर नतीजे के लिए कसी कमर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। इरीगेशन और बिजली विभाग की तरफ से दशहरा मैदान को लेकर श्रीराम लीला कमेटी को दिए जा रहे नोटिसों और बार-बार तंग परेशान करने को लेकर कमेटी पदाधिकारियों एवं सदस्यों के अलावा शहर की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों की एक हंगामी बैठक बड़ा हनुमान जी के मंदिर में हुई। इस मौके पर बैठक में मौजूद समस्त सदस्यों ने एकमत से कहा कि अगर प्रशासन ने श्रीराम लीला मैदान को लेकर किसी प्रकार की कोई राजनीति एवं औछी चाल चलने की कोशिश की तो इसके परिणाम बेहद घातक होंगे। उन्होंने कहा कि एक समय था जब इस स्थान पर चो में कूड़ा कर्कट एवं गंदगी का ऐसा आलम था कि लोग यहां पर नाक बंद करके गुजरते थे। श्रीराम लीला कमेटी ने शहर निवासियों के सहयोग से इस स्थान को सुन्दर बनाने के प्रयास शुरु किए और आज यह स्थान दर्शनीय स्थल बन चुका है।

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यह न तो श्री राम लीला कमेटी की जायदाद है और न ही किसी अन्य संस्था या व्यक्ति की जायदाद हनी है। यह तो जनता का स्थान है और यहां पर रोजाना सैंकड़ों लोग सैर करने आते हैं और श्री हनुमान जी के दर्शन करके खुद को धन्य करते हैं। इस मौके पर अलग-अलग वक्ताओं ने बिजली विभाग एवं इरीगेशन विभाग को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने अपनी हरकतें बंद नहीं की तो इसके परिणाम घातक होंगे और इसकी जारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों से होशियारपुर का विश्व प्रसिद्ध दशहरा आयोजित होता आ रहा है और ऐसे में इस स्थान की प्रगति को लेकर किसी भी विभाग या औछी राजनीति से प्रोरित लोगों द्वारा प्रयास करने से इस स्थान का विकास बाधित किया जाएगा व न ही होने दिया जाएगा। इस दौरान सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि इरीगेशन व बिजली विभाग द्वारा तंग परेशान किए जाने को लेकर जल्द ही जिलाधीश एवं जनप्रतिनिधियों से भेंट की जाएगी। इसके बावजूद भी अगर उन्हें परेशान किया जाता है तो संघर्ष का रास्ता अपनाया जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी उक्त विभागों के साथ-साथ जिला प्रशासन और सरकार की होगी। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि इस मामले को हवा देने वाले एक समाचार पत्र का भी वायकाट किया जाएगा और इस संबंधी समाचारपत्र के मालिकों से बात करके समाज विरोधी गतिविधियों को बंद करवाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिस मंदिर व अन्य निर्माण पर विभागों आपत्ति जताई जा रही है उसमें से अधिकतर तो इरीगेशन विभाग ने ही करवाया है। उन्होंने कहा कि पहले लाखों रुपये की ग्रांट से इरीगेशन विभाग ने मेला देखने आने वाले लोगों के लिए सीढिय़ां बनाई और बाद में लोक निर्माण विभाग ने सीढिय़ां बनाकर श्रद्धालुओं के बैठने का प्रबंध किया। मगर अब उन्हें इससे तकलीफ होने लगी है। जोकि समझ से परे है। इस दौरान उन्होंने एक अधिकारी का नाम लेते हुए उस पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार करने के आरोप भी लगाए तथा कहा कि वह अधिकारी इसलिए भी चिढ़ा हुआ है क्योंकि 10 लाख रुपये की और ग्रांट जो जारी हुई है उसका कार्य किसी अन्य सरकारी विभाग के पास चला गया है। जिसके चलते उसे भ्रष्टाचार करने का मौका हाथ से जाता दिख रहा है। मगर संस्था किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार नहीं होने देगी और न ही उस अधिकारी से डरेगी। इस मौके पर उन्होंने कड़े शब्दों में अधिकारी को चेताया कि अगर उसने अपनी औछी हरकतें बंद न की तो इससे पैदा होने वाले हालात के लिए वह खुद जिम्मेदार होगा। यह स्थान एकाध संस्था नहीं बल्कि होशियारपुर वासियों की आस्था का केन्द्र बन चुका है। इसलिए बिना किसी कारण मामले को तूल न दिया जाए। संस्था प्रतिनिधियों ने कहा कि जो लोग इस मामले के पीछे हैं उनके बारे में भी सब जानते हैं और अगर उन्होंने भी इस मामले को भडक़ाने का प्रयास किया तो उनके लिए भी आने वाला समय बहुत अच्छा नहीं होगा और पूरा शहर उनके खिलाफ मोर्चा खोल देगा। उन्होंने सांकेतिक शब्दों में कहा कि धार्मिक आस्था से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती तथा विभाग को दशहरा मैदान ही क्यों दिख रहा है, जबकि चो में इरीगेशन विभाग की जमीन पर सैकड़ों लोगों द्वारा नाजायज कब्जे किए गए हैं और वहां पर बिजली विभाग द्वारा मीटर तक लगाए जा चुके हैं। ऐसे में उन्हें वे क्यों नहीं दिख रहे। एक जगह जो जनता को समर्पित है वहां पर न जाने क्यों अधिकारी वर्ग जनता को परेशान करने के प्रयास कर रहा है। इस दौरान मौके पर मौजूद गर्मदल के प्रतिनिधियों ने साफ तौर से कहा कि अगर ऐसी औछी हरकतें करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो होशियारपुर के हालात कैसे होंगे इसका अंदाजा भी कोई नहीं लगा सकता। इसलिए सोए हुए शेरों को जगाने का प्रयास न किया जाए।

इस मौके पर श्री राम लीला कमेटी के संरक्षक एडवोकेट आर.पी. धीर, प्रधान शिव सूद, चेयरमैन गोपी चंद कपूर, प्रदीप हांडा, डा. बिन्दुसार शुक्ला के अलावा हरीश खोसला, अश्विनी शर्मा, अश्विनी गैंद, कृष्ण गोपाल आनंद, संदीप सैनी, भारत भूषण वर्मा, योगेश कुमरा, अश्विनी छोटा, राकेश डोगरा, राकेश सूरी, पंडित विक्रम मेहता, पंडित निपुण शर्मा, पंडित दीपक शारदा, राजिंदर मोदगिल, मनोहर लाल जैरथ, कृष्ण अरोड़ा, मनदीप शर्मा, मनोज ओहरी, रघुवीर बंटी, सुमेश सोनी, बिन्दू शर्मा, अशोक गुप्ता, शाम लाल, चेतन सूद, भूपेश कुमार, सुमित गुप्ता, दविंदर बिंदा, राकेश सूरी, सोनू जोशी पवन शर्मा सहित बड़ी संख्या में अलग-अलग संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं सदस्य मौजूद थे।

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