चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। खेल बच्चों के लिए शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती समेत आत्मरक्षा लिए अहम भूमिका निभाते हैं परन्तु गत्तके की अहमीयत आत्मरक्षा लिए विशेष है जिस कारण नौजवानों को इस खेल के साथ जुडऩा चाहिए।
यह प्रकटाव चंडीगढ़ नगर निगम के कमिश्नर केके यादव ने सैक्टर 41 चंडीगढ़ में नेशनल गत्तका ऐसोसीएशन ऑफ इंडिया और इंटरनैशनल सिख मार्शल आर्ट अकैडमी (इसमा) की तरफ से आयोजित दूसरे गत्तका मुकाबलों के अवसर पर जलसा को संबोधन करते हुए किया। विरासत के संरक्षण के लिए गत्तका ऐसोसीएशन की तरफ से किये जा रहे यत्नों की प्रशंसा करते हुए श्री के.के यादव ने कहा कि मार्शल आर्ट हमारे देश की पुरातन शैली के साथ जुड़े हुए हैं और यह बच्चों के लिए जिस्मानी ताकत, शारीरिक तंदुरुस्ती और आत्मरक्षा के लिए अहम भूमिका निभाते हैं जिस कारण बच्चों को गत्तका जरूर सीखना चाहिए।
नैशनल गत्तका ऐसोसीएशन की तरफ से चंडीगढ़ में दूसरे गतका मुकाबले
इस मौके पर बोलते हुए चंडीगढ़ के खेल डायरैक्टर तेजदीप सिंह सैनी ने गुरू साहिबान की तरफ से आत्मरक्षा और शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए आरंभ की गई इस जंगजू कला बारे अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि पुरातन विरसे को संभालना समय की मुख्य माँग है और बच्चों द्वारा इस मार्शल आर्ट के प्रति दिखाई जा रही लगन प्रशंसनीय है। उन्होंने गत्तके की प्रफुल्लता के लिए नेशनल गत्तका ऐसोसीएशन की तरफ से जारी यत्नों की प्रशंसा करते हुए कहा कि गत्तका बच्चों के अंदर अच्छे गुण पैदा करने वाला खेल है। इस मौके पर नेशनल गत्तका एसोसिएशन के प्रधान हरजीत सिंह ग्रेवाल ने गत्तके की प्रफुल्लता के लिए देश-विदेश में किये जा रहे यत्नों और की गई प्राप्तियों सम्बन्धी जलसे को परिचित करवाते हुए कहा कि एसोसिएशन का मुख्य उद्देश्य गत्तके को भविष्य में ओलम्पिक खेल में शामिल करवाना है।
अपने संबोधन में चंडीगढ़ नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और चंडीगढ़ गत्तका ऐसोसीएशन के प्रधान हरदीप सिंह बुटरेला ने प्रत्येक का धन्यवाद किया और गुरू नानक साहिब के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर यह गत्तका टूर्नामेंट करवाने सम्बन्धी प्रकाश डाला। इन गत्तका मुकाबलों में शाहबाद मारकंडा और पिंजोर (हरियाणा) की टीमों समेत मोरिंडा, मोहाली और चंडीगढ़ की गतका टीमों ने जंगजू कला के जौहर दिखाए। इस मौके पर दूसरों के अलावा हरियाणवी गत्तका ऐसोसीएशन के जनरल सचिव सुखचैन सिंह, इसमा के वित्त सचिव बलजीत सिंह, रघबीर सिंह जनरल सचिव गुरुद्वारा संगठन, साधु सिंह प्रधान गुरुद्वारा सैक्टर 34, अमनदीप सिंह प्रधान गुरुद्वारा बटरेला, गुरमुख सिंह सरपंच, परमिन्दर सिंह बुटरेला, सन्दीप सिंह सैनी, हरप्रीत सिंह सैनी, गुरचरन सिंह सैनी और अजीत सिंह सुपरडैंट भी उपस्थित थे।