होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। ऊना रोड़ पर स्थित भूतगिरी मंदिर के पंडित श्याम ज्योतिषी ने श्रद्धालुओं को जानकारी देते हुए बताया कि गणेश पुराण के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित है। हर हिंदी महीने में दो चतुर्थी तिथि आती है, एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। कई स्थानों पर विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
इस बार पौष माह की विनायक चतुर्थी 30 दिसंबर सोमवार को है। इस दिन मनोकामना पूरी करने के लिए गणेशजी की पूजा और व्रत किया जाता है। विनायक चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा दिन में दो बार की जाती है. एक बार दोपहर में और एक बार मध्याह्न में. मान्यता है कि विनायकी चतुर्थी के दिन व्रत करने और इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि प्राप्ति होती है। चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।