जिलाधीश ने राजस्व अधिकारियों को रिकवरी मामलों में कार्रवाई तेज करने के दिए निर्देश

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिलाधीश ईशा कालिया ने कमिश्नर नगर निगम व जिले के समूह कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिए कि सालिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत रोजाना घरों से एकत्र गीले व सूखे कूड़े के लिए कच्चे व पक्के पिट(गड्ढे) बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि हर घर में से अलग-अलग गीला व सूखा कूड़ा उठाया जाना 100 प्रतिशत यकीनी बनाया जाए। वे आज विकास कार्यों संबंधी अलग-अलग विभागों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ अतिरिक्त जिलाधीश (सामान्य) हरप्रीत सिंह सूदन, अतिरिक्त जिलाधीश (विकास) हरबीर सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने नगर निगम व नगर परिषदों की ओर से डोर टू डोर कूड़ा उठाने के कार्य में आई प्रगति पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने जहां अधिकारियों को सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए, वहीं जिला वासियों को अपील करते हुए केवल वातावरण अनुकूल थैलों का ही प्रयोग करने के लिए कहा।

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मासिक बैठक में अलग-अलग विभागों के साथ बैठक कर की विकास कार्यों की समीक्षा

जिलाधीश ने इस दौरान राजस्व अधिकारियों की बैठक कर उनके कार्यों की समीक्षा कर उन्हें जरु री निर्देश दिए। उन्होंने तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को हिदायत करते हुए कहा कि रिकवरी संबंधी गंभीरता दिखाई जाए व डिफाल्टरों की लिस्ट बना कर आगे की कार्रवाई शुरु की जाए। उन्होंने बैठक के दौरान फसल ऋण राहत योजनाओं, कोर्ट केसों के अलावा अन्य विषयों पर जानकारी हासिल कर पेंडिंग मामलों के जल्द निपटारे के भी निर्देश दिए।

उन्होंने बैठक के दौरान ई-डिस्ट्रिक्ट, पी.एल.आर.एस, रु रल मिशन, अर्बन मिशन, एम.पी. लैड संबंधी कार्यों, स्मार्ट विलेज स्कीम, प्रधान मंत्री आवास योजना, स्वच्छता सर्वेक्षण आदि योजनाओं का जायाजा लेते हुए संबंधित विभागों को उपयोगिता सर्टिफिकेट जल्दी मुहैया करवाने के निर्देश दिए।

सालिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से गीला व सूखा कूड़ा एकत्र करने के कार्य में गंभीरता दिखाएं अधिकारी

जिलाधीश ईशा कालिया ने दिव्यांग व्यक्तियों की विशेष पहचान के लिए सरकार की ओर से बनाए जा रहे यूनिक डिसेबिलिटी पहचान पत्र(यू.डी.आई.डी) का जायजा लेते हुए कहा कि अब तक जिले में 6337 दिव्यांगजन के यू.डी.आई.डी कार्ड बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी दिव्यांग व्यक्ति अपना कार्ड नजदीकी सेवा केंद्र, कामन सर्विस सैंटर व सिविल अस्पताल में डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट व फोटो ले जाकर बनवा सकता है। उन्होंने संबंधित विभाग को इस कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि दिव्यांगजन सरकार की इस सुविधा का लाभ लेकर अपनी अलग पहचान बना सकें। मातृ वंजना योजना का जायजा लेते हुए उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं के लिए इस योजना के अंतर्गत अब तक 20403 लाभार्थियों के खाते में 7 करोड़ 89 लाख 80 हजार रु पए उनके बैंक खातों में जा चुके हैं। इस दौरान उन्होंने संबंधित विभागों के प्रमुखों को हिदायत करते हुए कहा कि विकास कार्यों में और तेजी लाई जाए व शुरु किए गए विकास कार्य जल्द मुकम्मल किए जाएं।

इस अवसर पर एस.डी.एम. दसूहाज्योति बाला, एस.डी.एम. गढ़ंशकर हरबंस सिंह, एस.डी.एम. मुकेरियां अशोक कुमार, कमिश्नर नगर निगम बलबीर राज सिंह, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी सर्बजीत सिंह, जिला प्रोग्राम अधिकारी डा. कुलदीप सिंह, जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी मुकेश गौतम के अलावा अन्य विभागों के प्रमुख भी उपस्थित थे।

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