लुधियाना यूनिवर्सिटी से आए माहिरों ने की लाली बाजवा के लगाए लीची बागों की सराहना

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कनक/धान की फसली चक्कर से बाहर निकालने के लिए बागवानी एक बहुत ही लाभदायक धंधा है। इसके साथ जहां पानी की बचत होती है। उसके साथ-साथ वातावरण भी ठीक होता है। बागबानी फसलें लगाकर हम अपनी आमदन में चार गुणा बढ़ोतरी कर सकते हैं। इन विचारों का प्रगटावा करते हुए पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना से आए लीची माहिर डा. नवप्रेम सिंह ने जतिंदर सिंह लाली बाजवा के लीची के बाग देखते हुए किया।

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उन्होंने बताया कि यह समय देसी रूड़ी सुपर व पोटास डालने के लिए उपयुक्त है। इस मौके पर डा. परमपाल सिंह गिल ने कहा कि खाद्यें डालने से पहले मिट्टी की पड़ताल करवानी बहुत जरूरी है। डा. जसपाल सिंह ने बागबानी विकास अधिकारी होशियारपुर ने कहा कि सिटरस अस्टेट होशियारपुर में मिट्टी की परख होती है तथा किसान भाई वहां आकर अपनी मिट्टी की जांच करवा सकते हैं। जतिंदर सिंह लाली बाजवा ने यूनिवर्सिटी लुधियाना से आए माहिरों का धन्यवाद किया तथा किसानों से अपील की कि वह बढ़चढ़ कर बाग लगाएं तथा अपनी आमदन में बढ़ावा करें।

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