भारतीय संगीत में लच्चर गानों का कोई स्थान नहीं: कुलविंदर जंडा

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। संगीत मानव जीवन में बहुत महत्तवपूर्ण भूमिका अदा करता है। संगीत का हमारे सवास्थय पर बहुत अच्छा असर होता है औैर हमारे मन को भी शांत बनाए रखने में सहायक होता है। उपरोक्त शब्द सोसायटी फार म्यूकिाक एंड कल्चर के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह जंडा ने सोसायटी की एक बैठक को संबोधन करते हुए कहे।

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-सोसायटी फार म्यूकिाक एंड कल्चर देगी शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा

बैठक को संबोधन करते हुए स. कुलविंदर सिंह जंडा ने कहा कि संगीत वो शक्तिशाली यंत्र है, जो हमारी ध्यान शक्ति को बढ़ाता है और हमें जीवन में सफलता की ओर अग्रसर करता है। उन्होने कहा कि भारतीय संगीत प्राचीन काल से ही विश्व भर में लोकप्रिय है। भारतीय संगीत का प्रांरभ वैदिक काल से भी पूर्व का है।

संगीत का मूल स्त्रोत वेदों को ही माना जाता है। बैठक में सोसायटी के सचिव रंजीव तलवाड़ ने आज कल के संगीत में लच्चर गानों, गलत शब्दावली व बढ़ रहे हथियारों आदि के चलन पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि भारतीय संगीत, जो कि पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है उस में लच्चर गानों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होने कहा कि सोसाईटी फार म्यूकिाक एंड कल्चर शुध्द संगीत के प्रचार व प्रसार के लिए भरसक प्रयत्न कर रही है, जिस के तहत भारत के शास्त्रीय संगीत को प्रफुल्लित करने में विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

रंजीव तलवाड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि सोसायटी द्वारा जल्द ही इस संबंध में एक शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम करवाया जा रहा है, जिस में संगीत जगत की नामवर हस्तियां भाग लेंगी। इस अवसर पर नरिंदर कुमार, राजेश कुमार, दीपक सैनी, दर्शन सिंह, अजीत सिंह, मंजीत सिंह, संजीव कुमार व सोसाईटी के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

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