गांव मुखियाओं के लिए मलाईदार साबित हो रही कोरोना त्रासदी: ग्रामीण

बछवाड़ा/बेगूसराय(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: राकेश कुमार। कोरोना कहर की त्रासदी जहां आम आवामों के लिए महामारी घोषित है, वहीं पंचायतों के मुखियाओं के लिए मलाईदार साबित हो रहा है।

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कोराना संक्रमण से बचने के लिए सरकार ने लॉकडाउन तो कर दिया है, साथ ही इसके साइड इफेक्ट के तौर पर उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निजात के लिए भी कई द्वार खोल दिए हैं। आम तौर पर देखा जाए तो मुख्यालय से सुदूर प्रखंडों व गांवों के सरकारी अस्पतालों में मास्क, सेनेटायजर एवं साफ-सफाई के समुचित साधन का आभाव है।

इसके लिए बिहार सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पत्रांक 13/गोपनीय दिनांक 26 मार्च 2020 के माध्यम से कोरोना महामारी को हराने के उद्देश्य से पंचम वित्त आयोग के धनराशि का व्यय कर हर सम्भव मदद पहुंचाने को कहा है। उपलब्ध कराये गये राशि को खर्च करने का पुर्ण अधिकार सम्बंधित पंचायतों के मुखियाओं को दी गई है। ग्राम पंचायतों को यह विशिष्ट जिम्मेवारी दी गई है कि सरकार द्वारा विकसित की गई सामग्रियों, साधनों एवं लॉकडाउन में उत्पन्न होने वाली जनसमस्याओं का पर्याप्त प्रचार-प्रसार लगातार कराया जाना है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि एक-दो दिन लाउडस्पीकर माइकिंग की महज़ औपचारिकता ही पूरी की गई है। इस संदर्भ में सीपीआई के सहायक अंचल मंत्री कहते हैं कि सरकार द्वारा धन राशि मुहैया कराये जाने के बाद भी कोराना के प्रति जागरूकता एवं इसके प्रचार-प्रसार को स्थानीय मुखिया द्वारा संवेदनशीलता से नहीं लिया जा रहा है। सही मायने में अगर मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए तो एक बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है।

ग्राम पंचायतों को राशि उपलब्ध करवाने के साथ यह भी जिम्मेवारी दी गई है कि गांवों में पंचायत सरकार भवन, पंचायत भवन, सामुदायिक भवन अथवा विद्यालय भवनों में स्थापित आइसोलेशन सेंटर पर स्वच्छ पेयजलापूर्ति, शौचालय, भवन एवं इसके आसपास स्वच्छता एवं साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना है। वैसे केन्द्र जहां पूर्व से पेयजलापूर्ति एवं शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था है वहां व्यर्थ खर्च नहीं किए जाने हेतु सरकार ने चेताया है। मगर प्रतिदिन के आधार पर अच्छी साफ-सफाई बरतने पर भी विशेष बल दिया गया है। पूर्व विधायक अवधेश राय ने कहा कि आइसोलेशन भवन एवं उसके आसपास पूर्ण रूप से स्वच्छता बरतना है। जबकि अकसर यह देखा गया है कि आइसोलेशन केन्द्र के आसपास गंदगी का अंबार पाया गया है अधिकतर केन्द्रों पर मरीजों के सोने हेतु एक अदद चारपाई तक की व्यवस्था नहीं है।

केन्द्रों पर रखे गये लोगों को जमीन पर ही सोने की विवशता है। उपरोक्त मामले को लेकर बिहार सरकार ने पुन: पत्रांक 19/गोपनीय दिनांक 01 अप्रैल 2020 के माध्यम से प्रधान सचिव अमृतलाल मीना ने निर्देश दिया है कि पंचायतों के विभिन्न वार्डों में आमजनों के बीच मास्क, सेनेटाइजर, ग्लव्ज एवं साबुन का वितरण किया जाना है। जरूरत पड़ी तो और भी राशि पंचायतों को उपलब्ध करवाई जाएगी। गांवों मोहल्ले में ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव भी किया जाना है। ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया द्वारा कोई मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्ज व साबुन का वितरण नहीं किया गया है। सरकारी आदेश के 15 दिन गुजरने के बाद भी मोहल्लों में ब्लीचिंग पाउडर का भी छिडक़ाव नहीं किया गया है।

*क्या कहते हैं अनुमंडलाधिकारी निशांत कुमार

सभी मुखियाओं को जिला कार्यालय एवं अनुमंडल कार्यालय द्वारा आवश्यक निर्देश दिए जा चुके है। आशा है कि जल्द ही मुखिया के द्वारा कार्यों को पटल पर लाया जाएगा।

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