मिडल क्लस प्राइवेट नौकरीपेशा और कारोबारियों के बारे में भी सोचे सरकार: अश्विनी गैंद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब में करफ्यू के कारण सभी कारोबार ठप्प हो चुके हैं। लोगों की आमदनी रुक चुकी है। जिससे आम वर्ग का गुजारा करना मुश्किल हो चुका है। कोरोना वायरस से बचाव का एकमात्र साधन है घरों में रहना और सभी लोग इस कारण घरों में बैठे हैं और इसका सबसे ज्यादा असर मिडल क्लाब प्राइवेट नौकरीपेशा और कारोबारियों पर पड़ रहा है। जिस कारण उनके समक्ष दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल बनता जा रहा है।

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जिस प्रकार सरकार द्वारा गरीबों के लिए सहायता जारी की गई है उसी प्रकार मिडल क्लास के लिए भी कोई योजना बनाकर लागू करनी चाहिए ताकि वे भी अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। यह मांग सामाजिक संस्था नई सोच के संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी गैंद ने आज यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि मध्यमवर्गीय व्यापारी ने बैंक से लिमिट या लोन लेकर लाखों रुपयों का सामान खरीदकर दुकानों एवं गौदामा में रखा है। लेकिन लॉक डाउन के कारण कारोबार बंद है तथा सारा सामान तालाबंद है। न तो कोई उसे खरीदने आ रहा है और न ही व्यापारी उसे बेच सकता है। रोजमर्रा की जरुरत के सामान के अलावा अन्य कोई भी व्यापार नहीं चल रहा। जिस पर अधिकतर मध्यमवर्गीय लोग निर्भर करते हैं।

उन्होंने मांग की कि मध्यवर्गीय व्यापारियों के लोन एवं लिमिट पर ब्याज तथा जी.एस.टी. सहित अन्य टैक्स माफ किए जाएं ताकि लॉक डाउन खुलने पर यह व्यापारी वर्ग अपने कारोबार को पुन: सैट कर सकें। फिलहाल तो रोज का खर्च जैसे बिजली का बिल, लोन का ब्याज, बिजली का बिल, दुकान आदि पर रखे कर्मियों का वेतन आदि तो उन पर पड़ रहा है और आमदनी शून्य है। ऐसे में उनके लिए सभी खर्च निकालने असंभव बनते जा रहे हैं। क्योंकि, अगर एक दिन भी कारोबार बंद रहता है तो उससे व्यापारी की आमदन कई दिन पीछे चली जाती है। जिससे सभी को नुकसान उठाना पड़ रहा है, इतना ही नहीं अगर कोई जिंदा रहेगा तो ही व्यापार करके सरकार को टैक्स अदा करेगा।

इसलिए सरकार को चाहिए कि वे मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए भी कोई बड़ा कदम उठाए ताकि वे भी खुद को ठगा सा महसूस न कर सकें। गरीब जरुरतमंदों के लिए तो सरकार के पास बहुत सारी योजनाएं हैं, लेकिन मध्यम वर्ग के लिए सरकार द्वारा कुछ नहीं सोचा जा रहा। अश्विनी गैंद ने भारत सरकार और पंजाब सरकार से मांग की कि वे मध्यम वर्ग के बारे में सोचते हुए इनकी भलाई के लिए भी कोई योजना चालू करे ताकि इस आपदा की घड़ी में उन्हें भी राहत मिल सके।

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