होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए सरकार को नए डाक्टरों की भर्ती पूरे वेतन पर करनी चाहिए तथा जो आई.ए.एस., आई.पी.एस. और पी.सी.ए. अधिकारी डाक्टर हैं उनकी भी सेवाएं लेनी चाहिए ताकि कोरोना के कहर से जल्द से जल्द लोगों को बचाया जा सके। ऐसा करने से सरकार द्वारा कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में काफी मदद मिलेगी। यह मांग सामाजिक संस्था नई सोच के संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी गैंद ने केन्द्र एवं पंजाब सरकार से की। उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ों रुपये लगाकर डाक्टर बनने वाले बच्चों को मात्र 15-15 हजार रुपये देकर सरकार द्वारा उनका उपहास किया जा रहा है तथा नौकरी मिलने के बाद भी बच्चे ज्वाइन नहीं कर रहे।
जिससे कोरोना के खिलाफ शुरु की गई जंग की गति बहुत धीमी हुई है तथा वैसे भी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए नए डाक्टरों की बहुत जरुरत है। अगर सरकार उन्हें पूरे वेतन पर नियुक्त करती है तो उन्हें उम्मीद है कि नए डाक्टरों को ड्यूटी ज्वाइन करने में कोई आपत्ति नहीं होगी। इसलिए सरकार को इस तरफ सोचना चाहिए तथा जल्द ही पूरे वेतन पर नियुक्ति संबंधी पत्र जारी करना चाहिए।
अश्विनी गैंद ने कहा कि कई आई.ए.एस., आई.पी.एस. एवं पी.सी.एस. अधिकारी ऐसे हैं जो डाक्टर हैं तथा जो अधिकारी सेवा निवृत्त भी हो चुके हैं उनकी सेवाएं भी बतौर मैडीकल अधिकारी ली जा सकती है। ऐसा करने से भी कोरोना को हराना और आसान हो जाएगा। अश्विनी गैंद ने सरकार से मांग की कि मौके की गंभीरता को देखते हुए जल्द कोई ठोस फैसला लेकर लागू किया जाए ताकि जनता को इस महामारी से राहत मिल सके और कीमती जानें बचाई जा सकें।