होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना महामारी दौरान जहां आम लोगों के जीवन की गाड़ी पटड़ी से उतर गई है ते आम लोगों की रोजी रोटी के साधन भी बंद हो गए हैं. जिसके कारण घरों के खर्च में आने वाले दिनों में मुश्किल से चलेंगे ऐसे में राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री ने इस संकट की घड़ी में पंजाब के लोगों को राहत देने के लिए यह कहा था कि पंजाब के सरकारी व प्राइवेट स्कूल बच्चों के अभिभावकों को फीस के लिए परेशान करेंगे तो उनके स्कूल की मान्यता रद्द की जाएगी, जिससे पंजाब के लोगों को इस फैसले से काफी राहत मिली थी। लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था कि पंजाब सरकार उनकी परेशानियों को समझ रही है। परंतु उस समयपंजाब के लोगों को निराशा हाथ लगी जब पंजाब सरकार अपने पहले फैसले से पलट गई।
आज हलका चब्बेवाल में आम आदमी पार्टी के हलका इंचार्ज सरपंच हरमिंदर सिंह संधू के फार्म पर पार्टी के हलके के पदाधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए ट्रेड, ट्रांसपोर्ट व इंडस्ट्री विंग के जिला प्रधान राजेश जसवाल ने अपने विचार सांझे करते हुए उक्त व्यक्त किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री पंजाब ने अब घोषणा की है कि स्कूल अब ट्यूशन फीस ले सकते हैं, जिससे लोगों में सरकार के इस फैसले से सरकार के प्रति काफी निराशा पाई गई है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की तरफ से पहले ही बच्चों के दाखिले के समय फीसें अपनी इच्छा से प्रत्येक वर्र्ष बढ़ा दी जाती है, जोकि बच्चों के अभिभावकों से वसूली जाती हैं। उन्होंने बताया कि स्कूली अध्यापकों द्वारा बच्चों को ऑनलाइन सिलेबस से व्हॉट्सऐप के माध्यम से होमवर्क दिया जा रहा है और घरों में मौजूद बच्चों के अभिभावक उन्हें भेजे हुए होमवर्क से पढ़ा रहे हैं, इसलिए ट्यूशन फीस वसूलना गलत है।
उन्होंने कहा कि जबकि इस मुश्किल की घड़ी में सारे लोगों के कारोबार बंद पड़े हैं बेशक करफ्यू हटाकर छूट दी गई है लेकिन अभी बाजारों में लोग अधिकतर बढ़ावा अपने घरेलू सामान को दे रहे हैं लेकिन जो छोटे व्यापारी हैं उनका कारोबार अभी भी स्थिर नहीं हुआ है इसलिएऐसी $घडी में वह अपने बच्चों की फीस किस प्रकार अदा कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस समय स्कूल प्रबंधन को बच्चों के अभिभावकों के साथ खड़े होना चाहिए।