होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए हालातों का सबसे अधिक असर उद्योग जगत पर पड़ा है तथा केन्द्र सरकार द्वारा उद्योगों को राहत पहुंचाने के स्थान पर उनकी समस्याओं को बढ़ाया जा रहा है। इस स्थिति में उद्योगों को सबसे बड़ी राहत यह होती कि केन्द्र सरकार उन्हें पैट्रोल व डीजल सस्ते दाम पर उपलब्ध करवाती, लेकिन आए दिन पैट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर केन्द्र द्वारा उद्योगों की परेशानियां बढ़ाई जा रही हैं।
जिसके चलते उद्योगों को भारी नुकसान झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है तथा इससे महंगाई का बढऩा भी स्वभाविक है। यह विचार उद्योगपति संजय चौधरी ने आज यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कहे। उन्होंने कहा कि जब से कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन एवं करफ्यू जैसे हालात बने हैं तब से उद्योग बंद होने से पहले से ही मंदी की मार झेल रहे उद्योगों पर दोहरी मार पड़ी है। ऐसे में केन्द्र सरकार का फर्ज बनता था कि वे इन परिस्थितियों में उद्योगों को राहत प्रदान करते हुए कम से कम पैट्रोल व डीजल सस्ते दाम पर उपलब्ध करवाती। इसके अलावा जिस 20 लाख करोड़ का जिक्र केन्द्र द्वारा बार-बार किया जाता है, उसमें से एक भी रुपये का लाभ उद्योगों तक नहीं पहुंचा।
यहां तक कि लिमिट पर 20 प्रतिशत और कर्ज देने की केन्द्र की बात पूरी तरह से झूठी है, क्योंकि बैंकों द्वारा ब्याज पर ब्याज वसूला जा रहा है, जिसे किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता। संजय चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश की जनता को इस संकट के समय में एक और जुमला दिया है, जो सुनने में तो अच्छा लगता है, लेकिन उससे किसी का विकास होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार अगर उद्योग जगत को राहत देना चाहती है तो पैट्रोल और डीजल के दाम कम करे तथा बिना ब्याज व बहुत ही आसान किश्तों पर लोन मुहैया करवाया जाए ताकि उद्योग पुन: सजीव हो सकें।